कई मैडीकल स्टूडैंट्स शुल्क दिए बगैर हॉस्टल में रुके, पढ़े और कह गए गुड बाय

punjabkesari.in Thursday, Dec 02, 2021 - 01:08 PM (IST)

चंडीगढ़,  (अर्चना सेठी): बीते दस सालों में जी.एम.सी.एच.-32 से डाक्टर, नर्स, टैक्निशियन बन चुके मैडीकल स्टूडैंट्स का रिकार्ड ऑडिट द्वारा खंगालना शुरू किया गया है। ऑडिट को ऐसे कई पूर्व मैडीकल स्टूडैंट्स का ब्यौरा मिला है जो पढ़ाई के दौरान जी.एम.सी.एच.-32 के हॉस्टल्स में रहे, मैस का खाना खाया, बिजली का इस्तेमाल किया लेकिन इसके शुल्क जमा करवाए बगैर ही कालेज को गुड बाय कह गए। 


हॉस्टल के रजिस्टर से मिले अधूरे दस्तावेजों की वजह से अस्पताल व मैडीकल कालेज को 30 लाख रुपए के करीब नुकसान होने का अनुमान है, हालांकि सही नुकसान जानने के लिए ऑडिट सारे रिकार्ड्स की जांच कर रहा है। 
दरअसल, जी.एम.सी.एच.-32 प्रबंधन को कुछ सप्ताह पहले जानकारी मिली थी कि कोरोना काल के दौरान पिछले दो सालों के हॉस्टल्स के शुल्क अस्पताल प्रबंधन को जमा नहीं करवाए गए थे। 


रिकार्ड में ना तो यह ब्यौरा मिला कि कौन सा मैडीकल स्टूडैंट किस कमरा नंबर में रूका था, ना ही यह पता चल सका कि हॉस्टल के कितने कमरे खाली रहे और ना ही शुल्क ही जमा करवाए गए। सूत्रों की मानें तो ऑडिट ने वर्ष 2019 और वर्ष 2020 के दौरान तीन से चार लाख रुपये के शुल्क जमा ना करवाए जाने पर ऐतराज जताया। 
दो सालों के रिकार्ड में गड़बड़ी को देखने के बाद प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के हाथ पैर फूल गए और चंडीगढ़ प्रशासन ने वर्ष 2012 से लेकर अब तक का जी.एम.सी.एच.-32 के सभी हॉस्टल के कमरों से संबंधित शुल्कों के ऑडिट के आदेश जारी कर दिए, सिर्फ इतना ही नहीं ऑडिट की कार्रवाई पूरी होने तक जी.एम.सी.एच.-32 के सारे हॉस्टल्स के कर्मचारी को सस्पैंड करने के निर्देश भी जारी कर दिए गए।


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News Editor

Archna Sethi

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