‘हरियाणा विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव की एक दिवसीय कार्यशाला में बोले राज्यपाल’

punjabkesari.in Monday, Aug 09, 2021 - 06:53 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020’ को लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य है। नई शिक्षा नीति के लागू होने से पूरे देश में एक नए युग की शुरूआत हुई है, जिससे भारत का नव-निर्माण होगा और युवाओं का भविष्य भी स्वर्णिम होगा। राज्यपाल आज राजभवन में हरियाणा विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव की एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री  मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी उपस्थित रहे।

 


दत्तात्रेय ने कहा कि शिक्षा की क्रान्ति में हम सबको बढ़-चढ़ कर भाग लेना है और राष्ट्रहित में भारत के भविष्य को नई शिक्षा नीति के अनुरूप ढालने का सकारात्मक प्रयास करना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को देश में सफलतापूर्वक लागू करने में विश्वविद्यालयों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि कई विश्वविद्यालय नए पाठ्यक्रमों की शुरूआत कर चुके हैं, यह बहुत सराहनीय कार्य है। दत्तात्रेय ने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य समन्वय स्थापित करना और उनके द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा करना भी है। 


‘मुख्यमंत्री ने किया कुलपतियों का आह्वान, शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाया जाए’
कार्यशाला में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिवों का आह्वान किया कि वे शिक्षा के आयाम को उच्च स्तर पर ले जाने का मुख्यध्येय बनाएं और उसे निर्धारित समयावधि में पूरा करें, ताकि इसका लाभ प्रदेश के हर युवा को मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा नीति के सारे प्रावधान 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस लक्ष्य को पूरा करने में विश्वविद्यालयों का अहम योगदान रहेगा।

 

उन्होंने कहा कि मैडिकल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, उच्चतर शिक्षा के ग्रेड को कैसे ऊंचा उठाया जाए इसके लिए विश्वविद्यालयों को पहल करनी होगी। हरियाणा राष्ट्रीय राजधानी के नजदीक होने से विदेशी छात्रों के आकर्षण का केन्द्र बन सकता है। जिस प्रकार गुरुग्राम की पहचान औद्योगिक नगरी और कुरूक्षेत्र की पहचान धर्मनगरी के रूप में पूरे विश्व में बनी हुई है, इसी प्रकार शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रदेश को विख्यात बनाना है।


‘विश्वविद्यालयों को सैल्फ फाइनैसिंग के प्रशिक्षण शुरू करने चाहिए’
मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को पूर्व छात्रों का डाटा एकत्रित करके उनसे तालमेल स्थापित कर हर विश्वविद्यालय स्तर पर मिलन समारोह आयोजित करने के प्रयास करने चाहिए। इसके अलावा विश्वविद्यालयों को सैल्फ फाइनैसिंग के प्रशिक्षण शुरू करने चाहिए। उन्होंने कहा कि सैल्फ फाइनैसिंग में जो गरीब विद्यार्थी हैं उनकी फीस हरियाणा सरकार वहन करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नकल पर अंकुश लगाने के लिए विश्वविद्यालयों को मूल्यांकन और अुनसंधान करने तथा नकल की प्रवृति को रोकने के लिए नई तकनीक विकसित करनी चाहिए। कार्यशाला में चिकित्सा विज्ञान एवं अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम ने मैडिकल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आनंद मोहन शरण ने तकनीकी एवं उच्चतर शिक्षा के बारे में प्रस्तुति दी।


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News Editor

Vikash thakur

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