लॉकडाऊन पीरियड तक स्ट्रीट वैंडरों की लाइसैंस फीस माफ

punjabkesari.in Saturday, May 30, 2020 - 11:06 AM (IST)

चंडीगढ़ (राय) : निगम सदन की करीब अढ़ाई माह बाद वीडियो कांफ्रैंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में लॉकडाऊन पीरियड तक स्ट्रीट वैंडरों की लाइसैंस फीस माफ करने, लॉकडाउन में जिन लोगों ने केंद्रों की बुकिंग कराई थी, उनकी राशि वापस करने व दो पार्किंग के ठेकेदारों की लाइसैंस फीस कम करने का निर्णय लिया गया।

बैठक शुरू होते ही कांग्रेस व भाजपा में कोविड-19 के दौरान की गई जन सेवा का श्रेय लेने की होड़ लगी रही। सभी पार्षदों ने निगम कमिश्नर के. के. यादव और मेयर राजबाला मलिक के साथ-साथ अधिकारियों द्वारा इस महामारी के समय किए गए कार्यों की प्रशंसा की गई।

दुबे ने दी बहिष्कार की धमकी, सूद ने समझाया :
निगम द्वारा गत दो माह के लिए स्ट्रीट वैंडरों को लाइसैंस फीस में दी गई छूट को सदन की मंजूरी के लिए एजैंडा लाया गया। भाजपा पार्षद अनिल दुबे ने इसका विरोध किया व मांग की कि इन लोगों को दिसबर माह तक लाइसैंस फीस से छूट दी जाए। भाजपा के ही पार्षदों ने जब उनका विरोध किया तो उन्होंने बैठक का बहिष्कार तक करने की धमकी दे डाली। 

अरुण सूद ने उन्हें सबकी बात सुनने की सलाह दी। इस पर निगमायुक्त ने बताया कि निगम तो पहले ही दो माह की फीस माफ कर चुका है। दुबे ने भावुक होकर कहा कि उन गरीब लोगों को मुफ्त में खाना देकर भिखारी न बनाओ, उन्हें काम करने दो। दुबे का विरोध उनके ही पार्टी के पार्षदों ने किया व बहुमत के चलते निर्णय लिया गया कि लाकडाऊन पीरियड तक इनसे लाइसैंस फीस नहीं ली जाएगी।

बुकिंग के 65,98,420 रुपए करने होंगे वापस :
सदन ने यह भी निर्णय लिया कि जिन लोगों ने लाकडाऊन से पहले सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग करवाई पर समारोह नहीं कर पाए, निगम उनकी राशि वापस करेगा। यह राशि करीब 65,98,420 रुपए है। इस पर निगम ने 10,07,077 लाख जी.एस.टी. भी अदा किया है। सदन ने निर्णय लिया कि निगम लोगों से जी.एस.टी. नहीं काटेगा और उनकी पूरी राशि वापस करेगा। निगम सरकार से रिफंड लेने के प्रयास करेगा।

पार्किंग ठेकेदारों से कम ली जाएगी लाइसैंस फीस :
निगम सदन में लाए गए सप्लीमैंटरी एजैंडे पर चर्चा के दौरान बताया गया कि सैक्टर-17 के पार्किंग ठेकेदार, जिसके पास सैक्टर 22, 9,8,7,10, 11 आदि की पार्किंग है, ने गत फऱवरी माह से अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया है अत: उसकी लाइसैंस फीस माफ करने की बजाये उसे तो जुर्माना लगाना चाहिए। 

सैक्टर-34 के पार्किंग के ठेकेदार ने अपने सभी सैक्टरों के पार्किंग स्थलों के कर्मचारियों को पूरा वेतन दिया हैा। बैठक में निर्णय लिया गया कि सैक्टर-17 के ठेकेदार से 45 प्रतिशत व सैक्टर-34 के ठेकेदार से 35 प्रतिशत तक लाइसैंस फीस ली जाए। लाकडाऊन के कारण पार्किंग स्थल भी बंद रहे।

सड़कों की रिकार्पेटिंग का एजैंडा पारित :
निगम सदन ने शहर की सड़कों की रिकार्पेटिंग का एजैंडा भी पारित किया। सदन को बताया गया कि सड़कों के लिए 150 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। इसमें से 63 करोड़ का काम अलॉट हो चुका है व निगम को करीब 43 करोड़ का भुगतान करना है। निगम के रोड़ विंग को बाकी के काम की अनुमानित लागत तैयार कर निविदाएं आमंत्रित करने के निर्देश दिए गए। 

सदन ने औद्योगिक क्षेत्र में बायोगैस प्लांट की मरमत, एल.ई.डी. लाइट लगाने की परियोजना, सैक्टर-48 की फूड स्ट्रीट को पुरानी दरों पर अलॉट करने, पब्लिक बाइक शेयरिंग परियोजना के लिए डिजाइन तैयार करने, निर्माण करने व आपरेट करने के लिए एजैंसी का चयन करने का एजैंडा भी पारित किया।

औद्योगिक क्षेत्र में मृत जानवरों के लिए इलैट्रिक शवदाह गृह :
लगाने का विरोध, फिर डंपिंग ग्राऊंड में लगाने का निर्णय निगम सदन में मृत जानवरों के निष्पादन के लिए औद्योगिक क्षेत्र में स्थित इलैक्ट्रॉनिक शवदाह गृह में प्लांट लगाने का एजैंडा भी लाया गया। ज्ञात रहे कि स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत लगाये जाने वाले इस प्लांट को पहले डड्डूमाजरा के डपिंग ग्राऊंड में लगाया जाना था पर वहां के लोगों के विरोध को देखते हुए निगम ने इसे औद्योगिक क्षेत्र में लगाने का निर्णय लिया। 

जब सदन में एजैंडा रखा गया तो इस एरिया का पार्षदों अनिल दुबे, शक्ति प्रसाद देवशाली, विनोद अग्रवाल व जगतार सिंह ने इसका जमकर विरोध किया। इस दौरान डड्डूमाजरा की पार्षद फर्मिला, इस एरिया के अन्य पार्षद चन्द्रावती शुक्ला, राजेश कालिया आदि लिंक में नहीं थे अत: वह अपनी बात नहीं रख पाए व उक्त प्लांट पुन: डंपिंग ग्राऊंड में लगाने का निर्णय ले लिया गया।

कमिश्नर ने बताया निर्णय नहीं लिया तो जुर्माना लगेगा :
इस एजैंडे को कुछ पार्षद डैफर भी करना चाहते थे पर निगमायुक्त ने स्पष्ट कर दिया कि 20 जून तक कंपनी को स्थान देना है व निगम पहले ही आश्वासन दे चुका है कि इस प्लांट को लगाने की औपचारिकताएं 31 मार्च तक पूरी कर ली जाएंगी पर लाकडाऊन के कारण वह नहीं हो पाया। अब अगर इस एजैंडे पर निर्णय नहीं लिया जाता है तो निगम को जुर्माना भी लग सकता है।

वैंडरों को दस्ताने और मास्क दिए जाएं :
बैठक के शुरू में ही कांग्रेस पार्षद गुरबक्श रावत ने मांग की कि जो गलियों में आने वाले वैंडर्स को भी निगम दस्ताने और मास्क उपलब्ध करवाए। कांग्रेस पार्षद सतीश कैंथ ने कहा कि जो पिछले दिनों वित्त एवं अनुबंध कमेटी में गांव की दुकानों के किराए बढ़ाने का फैसला लिया गया है, उसे वापस लिया जाए। इस समय किराया बढ़ाने का फैसला उचित नहीं है। 

वहीं सीनियर डिप्टी मेयर रविकांत शर्मा ने देवेंद्र सिंह बबला को कहा कि वह वीरवार को दिए कथित हिंदू मंदिरों विरोधी बयान के लिए माफी मांगें। बबला ने कहा कि वह उनसे ज्यादा हिंदी हैं। जब सैक्टर-27 का मंदिर गिराने लगे थे तो वह ही विरोध में खड़े थे।


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Priyanka rana

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