खटारा ओवरलोडिंग वाहन : मासूम बच्चों की ज़िन्दगी से खिलवाड़

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2020 - 01:39 PM (IST)

पंचकूला (आशीष): गत दिनों पंजाब के लौंगोवाल में हुए दर्दनाक हादसे में चार मासूम बच्चों की स्कूल वैन में आग लगने से जिंदा जलकर हुई मौत के बावजूद पंचकूला जिला प्रशासन की नींद नहीं खुल रही। शहर के प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वाले मासूम बच्चों को मैजिक व ऑटो में लाने-छुट्टी वक्त के घर छोड़ा जा रहा है। अगर कोई हादसा हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? प्रदेश सरकार ने करीब तीन महीने न्यू ट्रैफिक नियम लागू किए थे, लेकिन पंचकू ला जिले में इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है। 

 

जिले में ऑटो, मैजिक आदि वाहन चालक सरकार के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं। वहीं लोगों की जिंदगी से भी सरेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। इन स्कूली वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चे बैठाकर स्कूल पहुंचाया जा रहा है और स्कूल की छुट्टी के वक्त से उन्हें घर छोड़ा रहा है। इतना कुछ होने के बावजूद संबंधित अधिकारी व पुलिस आंखे मूंदे बैठे हुए हैं। ट्रैफिक पुलिस इन चालकों पर मेहरबान हैं, न तो इनका चालान करती है न ही अवेयर करती है।

 

कार्रवाई न होने से चालकों के हौसले बुलंद
पंजाब में दो दिन पहले ओवरलोडिंग वाहन में आग लगने से कई बच्चों की मौत हो गई थी। इसके अलावा पंचकूला में चार साल की बच्ची के साथ बस ड्राइवर पर रेप करने का अरोप लगा है। ऐसे कई मामले हैं लेकिन विभाग की ओर से समय रहते कार्रवाई न होने से वाहन चालकों के हौसले बढ़ा गए हैं। हर महीने स्कूल बस चालक और कंडक्टर का मैडीकल होना चाहिए। ताकि पता चले कि वो कोई नशा तो नहीं करता। 

 

पेरैंट्स को जागरूक होना चाहिए
शहर की मुख्य सड़कों पर रोजाना वाहनों चालकों द्वारा ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते देखा जा सकता है। जानकारी के अनुसार कम पैसे के कारण पैरेंट्स भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मैजिक-ऑटोज मंथली लगवा लेते हैं। पैरेंट्स को जागरूक होना चाहिए कि ऑटो या मैजिक चालक अपने वाहन में ज्यादा बच्चे तो नहीं बैठा रहे हैं। ये चालक लिमिट से स्कूली बच्चों को वाहन में बैठा लेते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को जिम्मेवारी 
 


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pooja verma

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