बिजली के अस्थाई बिल भेजने के मामले में कमीशन ने निगमों से एक माह के भीतर मांगी रिपोर्ट

punjabkesari.in Sunday, Jul 24, 2022 - 08:16 PM (IST)

चंडीगढ़,(गौड़): प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को अस्थाई बिल भेजने के मामले पर हरियाणा इलैक्ट्रिसिटी रैगुलेट्री कमीशन (एच.ई.आर.सी.) ने निगमों से एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी है। इसके साथ ही कमीशन की ओर से निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि अस्थाई बिलों की संख्या को अनुमेय सीमा के भीतर लाया जाए। उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए कमीशन ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था।

 

इस साल मई की जो रिपोर्ट कमीशन के पास आई है उसको देखने के बाद कमीशन की ओर से कहा गया कि अस्थाई बिलों को कम करने के लिए किए जा रहे प्रयास पर्याप्त नहीं हैं क्योंकि यह उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम (यू.एच.बी.वी.एन.) के मामले में 7.35 प्रतिशत और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डी.एच.बी.वी.एन.) के मामले में 6.73 प्रतिशत है। एस.ओ.पी. विनियमों के अनुसार आंकड़े 0.1 प्रतिशत सीमा के भीतर ही अस्थाई बिल जारी किए जा सकते हैं। हालांकि यू.एच.बी.वी.एन. के निदेशक की ओर से जानकारी दी गई है कि अस्थाई बिलों की संख्या को कम करने के लिए विभिन्न उपचारात्मक कदम पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। बिङ्क्षलक शिकायतों को शीघ्रता से कम करने के लिए प्रत्येक उपखंड से एक नोडल जे.ई. को अतिरिक्त मैनपावर के साथ नॉमिनेट किया गया है। 
 

 

मिनट्स ऑफ मीटिंग सबमिट करवाने के निर्देश
कमीशन ने निगमों से डिस्ट्रिक्ट इलैक्ट्रिसिटी कमेटी (डी.ई.सी.) की मीटिंग की तारीखों की जानकारी मांगी है। जे.ई.आर.सी. ने इस संबंध में मिनट्स ऑफ मीटिंग भी सबमिट करवाने के निर्देश दिए हैं ताकि यह आंकलन किया जाए कि मीटिंग में उपभोक्ताओं और हितधारकों के लिए कुछ रचनात्मक किया गया था या नहीं। कमीशन ने पावर यूटिलिटीज हरियाणा के चेयरमैन को निर्देश दिए हैं कि ये मीटिंग नियमित रूप से आयोजित की जानी चाहिए। इसके साथ ही निगमों को एक महीने के भीतर डी.ई.सी. की बैठकों की प्रोगै्रस के बारे में भी सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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