‘ग्रामीण क्षेत्रों के सूक्ष्म उद्योगों को ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना अधिसूचित’

punjabkesari.in Friday, Jul 30, 2021 - 08:20 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): हरियाणा सरकार ने प्रदेश में ग्रामीण औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए ‘बी’, ‘सी’ व ‘डी’ श्रेणी खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में नए सूक्ष्म उद्यमों को पूंजीगत सहायता एवं किफायती ऋण प्रदान करने के उद्देश्य से हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना अधिसूचित की है।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना के तहत स्थापित नए सूक्ष्म उद्यमों को हरियाणा उद्यम एवं रोजगार नीति, 2020 के तहत एम.एस.एम.ई. क्षेत्र के लिए निर्दिष्ट अन्य प्रोत्साहन भी प्राप्त होंगे। योजना के तहत लाभ प्रदान करने के लिए अनुमोदन पत्र 45 दिन, स्वीकृत्ति पत्र सात दिन और  लाभ संवितरण सात दिन के भीतर जारी कर दिया जाएगा।

 


उन्होंने कहा कि हरियाणा ग्रामीण औद्योगिक विकास योजना के तहत ‘बी’, ‘सी’ व ‘डी’ श्रेणी खंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य श्रेणी के उद्यमियों को प्लांट व मशीनरी और भवन पर किए गए निवेश पर 15 प्रतिशत सबसिडी, अधिकतम 20 लाख रुपए और महिलाओं एवं अनुसूचित जाति के उद्यमियों को प्लांट व मशीनरी और भवन पर किए गए निवेश पर 15 प्रतिशत सबसिडी, अधिकतम 25 लाख रुपए की पूंजीगत सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि डीजल जनरेटर सेट की लागत पर 50 प्रतिशत तक की सबसिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 8000 रुपए प्रति के.वी.ए. निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त, सावधि ऋण पर सात वर्षों के लिए सात प्रतिशत या अधिकतम आठ लाख रुपए प्रति वर्ष की ब्याज सबसिडी दी जाएगी।


‘योजना 1 जनवरी, 2021 से लागू मानी जाएगी’
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए इस योजना को पहली जनवरी, 2021 से प्रभावी माना जाएगा और पांच वर्षों की अवधि के लिए परिचालन में रहेगी। उन्होंने कहा कि ‘बी’, ‘सी’ व ‘डी’ श्रेणी खंडों में स्थित नए ग्रामीण सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयों को सांख्यिकीय उद्देश्य के लिए पोर्टल पर उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र और हरियाणा उद्यम ज्ञापन दाखिल करना होगा। इकाई का नाम राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर अधिसूचित प्रतिबंधात्मक सूची में नहीं होना चाहिए और इकाई वाणिज्यिक उत्पादन में होनी चाहिए।


‘बंद इकाई को नहीं जारी होगी सबसिडी’ 
योजना के तहत लाभ प्राप्त करने की अन्य शर्तों के बारे में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त संवितरण के समय इकाई नियमित उत्पादन में होनी चाहिए और बंद इकाई को सबसिडी जारी नहीं की जाएगी। पूंजीगत सबसिडी के लिए इकाई वाणिज्यिक उत्पादन की तिथि से पांच वर्षों की अवधि के लिए नियमित उत्पादन में होनी चाहिए और संयुक्त निदेशक या उप निदेशक, जिला एम.एस.एम.ई. केंद्र इकाई का वार्षिक निरीक्षण करेंगे।


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News Editor

Vikash thakur

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