एस.टी.एफ. ने विधायकों के धमकी प्रकरण को तेजी से सुलझाया : विज

punjabkesari.in Monday, Aug 08, 2022 - 08:29 PM (IST)

चंडीगढ़,(बंसल/पांडेय): विधायकों को धमकी मिलने के मामले में विपक्ष के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर गृह मंत्री अनिल विज ने सिलसिलेवार तरीके से जांच की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि विधायकों को धमकी भरे काल दुबई के नंबर से आ रहे थे। लिहाजा जब पुलिस ने रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि एक अफगानी नागरिक सिम लेकर गया है। वहां से उसके बाद हमने आई.पी. एड्रैस को चेज करना शुरू किया, जिससे पता चला कि यह कॉल फैसलाबाद से आ रही थी। जांच करने पर पता चला कि इसके बिहार के कुछ लोगों के तार जुड़े हुए हैं और कुछ के तार महाराष्ट्र से जुड़े हैं। इन लोगों से 55 ए.टी.एम. कार्ड, 98 सिम कार्ड, 24 मोबाइल फोन, 22 बैंक पासबुक बरामद की गई।

 


पंजाब के तीन और दिल्ली के दो विधायकों को आई थी धमकी  
विज ने बताया कि जब इस पर काम शुरू किया गया तो पता चला कि पंजाब के तीन विधायक और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 2 विधायकों को भी इस प्रकार की धमकी भरी कॉल आई थी। जांच करने पर पता चला कि  864 लोगों के खाते चैक किए गए और 55 बैंक के खातों से 2 करोड़ 77 लाख 3 हजार 756 की राशि को निकाला गया। हमारी पुलिस ने अंतर्राष्ट्रीय गिरोह को तोडऩे का काम किया। उन्होंने कहा कि किस-किस ए.टी.एम. से पैसे निकाले गए और उनके खिलाफ कार्रवाई करनी बाकी है और सिम कार्ड का डाटा भी खंगाला जा रहा है। इस मामले में डाटा को एकत्रित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह लोग पहले खाता खोल दिया करते थे और 50 आदमी को धमकी देते थे और उनमें से जो भी आदमी इनके झांसे में आ जाता था वह खाते में पैसे जमा करा दिया करता था और अपनी बारी के हिसाब से इस गिरोह के लोग पैसों को निकाल लिया करते थे। हमने फर्जी कॉल करके इस गु्रप को पकड़ लिया और वह हमारे झांसे में आ गया।
 

 

सभी विधायकों ने खड़े होकर एस.टी.एफ. के कार्यों को सराहा  
गृह मंत्री के आग्रह पर सदन में सभी विधायकों ने अपनी सीट पर खड़े होकर जांच करने वाली पुलिस टीम को शाबासी दी। दरअसल गृह मंत्री ने कांग्रेस विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में सभी को एकजुट होकर काम करने वाली टीम का हौसला बढ़ाना चाहिए, जिस पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सभी विधायकों ने एकजुट होकर जांच टीम के कार्यों की सराहना की।
 

 

हर वर्ष 30 पुलिसकर्मियों को किया जाएगा सम्मानित  
उन्होंने कहा कि पार्टीबाजी को भूल कर हमें आज अपने लोगों को शाबाशी देने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए। हालांकि हम विभाग के लोगों का सजा के तौर पर ट्रांसफर या सस्पैंड करते हैं। अच्छा काम करने पर इन्हें ईनाम भी दिया जाना चाहिए। इसी कड़ी में हमने 30 ईनामों को रखा है, जिसके तहत 10 मुख्यमंत्री, 10 गृहमंत्री और 10 डी.जी.पी. मैडल दिए जाएंगे और ऐसे पुलिसकर्मियों को 21000 की राशि और 6 महीने का सेवा भी विस्तार दिया जाएगा। 
 

 

विधायकों की सुरक्षा के लिए दिए गए अत्याधुनिक हथियार  
गृह मंत्री ने कहा कि विधायकों को जबरन वसूली के कॉल/धमकी मिलने की सूचना के उपरांत विधायकों को व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मी प्रदान किए गए, सुरक्षाकर्मियों के लिए वी.वी.आई.पी. सुरक्षा बारे रिफ्रैशर कोर्स का आयोजन किया गया और विधायकों के सुरक्षाकर्मियों को ए.के. 47 जैसे उन्नत हथियार भी प्रदान किए गए। पुलिस महानिरीक्षक (एस.टी.एफ.) ने इन मामलों की जांच के लिए पुलिस अधीक्षक, (एस.टी.एफ.) के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया। मोबाइल फोन्स के तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि धमकी भरे कॉल करने के लिए इस्तेमाल किए जा रहे नम्बर मध्य पूर्वी देशों में पंजीकृत थे और पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे थे। एक गिरोह के 6 सदस्यों (मुम्बई से 2, मुजफ्फरपुर, बिहार से 4) को गिरफ्तार किया गया और 55 ए.टी.एम., 24 मोबाइल फोन, 56 सिम कार्ड, 22 पासबुक/चैकबुक, 397000 रुपए नकद, एक वाहन, तीन डायरी और एक रजिस्टर आरोपियों के कब्जे से बरामद किया गया। यह भी पता चला कि धमकी एवं जबरन वसूली की मांग कुछ पाकिस्तानी निवासियों के माध्यम से की गई थी।
 

 

डी.एस.पी. सुरेंद्र सिंह की हत्या पर पुलिस ने की सख्त कार्रवाई
गृह मंत्री ने बताया कि सुरेंद्र सिंह तत्कालीन डी.एस.पी., तावडू, नूंह ने 19 जुलाई 2022 को अवैध खनन के खिलाफ छापेमारी की। उस समय अवैध खनन में शामिल एक वाहन को इनके ऊपर से चढ़ाकर निकाला गया जिससे उनकी दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो गई। पुलिस ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की। मामले से संबंधित सभी 12 लोगों को घटना के 10 में भीतर गिरफ्तार कर लिया गया। मृतक के परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने के साथ-साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा भी की गई है। 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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