वकीलों की हड़ताल से परेशान महिला ने हाईकोर्ट में जंगले पर पटका सिर

punjabkesari.in Friday, Aug 09, 2019 - 11:21 AM (IST)

चंडीगढ़(रमेश) : हरियाणा में स्थापित किए प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के विरोध में 14 दिन से हड़ताल पर चल रहे वकीलों की आवाज सरकार ने अनसुनी कर दी है जिसके बाद वकील अपनी भड़ास किसी न किसी पर निकाल रहे हैं। वीरवार को हताश हो चुके वकीलों ने मीडिया को भी नहीं बख्शा और एक महिला मीडिया कर्मी व उसके सहयोगी के साथ हाथापाई और धक्का-मुक्की की गई। घटना ने तूल पकड़ लिया जिसके बाद सैंकड़ों मीडिया कर्मी हाईकोर्ट में एकत्रित हो गए। 

पंजाब के एडवोकेट जनरल, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व सीनियर वकील को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी। वकीलों द्वारा एक बुजुर्ग महिला को हाईकोर्ट में भीतर जाने से रोक दिया जिसके बाद परेशान महिला ने वकीलों पर गुस्सा निकालने के लिए गेट नंबर एक पर ही चिल्लाना शुरू कर दिया, खुद को पीटने लगी और लोहे के जंगले में सिर मारना शुरू कर दिया। महिला का कहना था कि वह यही जान दे देगी। 

उक्त महिला तीन दिन से अपनी बेटी को सुरक्षा की मांग को लेकर कोर्ट में जाना चाह रही थी जिसे वकीलों ने भीतर नहीं जाने दे रहे थे। परेशान महिला की कवरेज कर रही एक महिला पत्रकार व उसके अन्य सहयोगियों को वकीलों ने कवरेज करने से रोक दिया और मीडिया को भला-बुरा कहा। महिला पत्रकार के साथ धक्का-मुक्की की गई, जिसमें उनका कैमरा भी टूटा और एक सहयोगी की बाजू में खरोंचे भी आई। वकीलों की उक्त हरकतों की शिकायत पास ही खड़े बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.पी.एस. रंधावा से भी की गई लेकिन वह उस वक्त मूक बने रहे।

एक घंटे बाद पहुंची पुलिस :
घटना की सुचना पुलिस कंट्रोल रूम में दी गई और पी.सी.आर. भी हाईकोर्ट पहुंची जिन्होंने संबंधित थाने में घटना की सूचना दी लेकिन एक घंटे तक थाना पुलिस हाईकोर्ट नहीं पहुंची। आला अधिकारियों तक बात पहुंचाई गई तब कहीं जाकर एस.एच.ओ. व डी.एस.पी. मौके पर पहुंचे। 

ए.जी. पंजाब ने संभाला :
बात बिगड़ती देख पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने मौका संभाला और अपने कार्यालय में तुरंत मीडिया के साथ बैठक की, जिसमें बार एसोसिएशन के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे और फैसला हुआ कि दोपहर बाद 3 बजे एडवोकेट जनरल, बार एसोसिएशन अध्यक्ष और हाथापाई करने वाले वकील सार्वजनिक रूप से माफी मांगेंगे। 

दोपहर बाद सभी ने धरनास्थल पर आकर मीडिया से माफी मांगी। बार एसोसिएशन ने कहा कि जब तक सरकार प्रशासनिक ट्रिब्यूनल के गठन की अधिसूचना वापस नहीं लेती तब तक हाईकोर्ट में हड़ताल जारी रखी जाएगी। जिला बार एसोसिएशनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया था, लेकिन कहीं से भी कामकाज ठप्प रहने की सूचना नहीं मिली है। 

एक लाख से अधिक केस हो चुके हैं प्रभावित :
25 जुलाई से हाईकोर्ट के वकीलों ने कामकाज ठप्प किया हुआ है, जिसके चलते अभी तक एक लाख से अधिक केसों की सुनवाई प्रभावित हुई है और कोई नया केस दाखिल नहीं हो पा रहा। अनुमानित हर रोज हाईकोर्ट में करीब 1200 नए मामले दाखिल होते हैं और करीब 8000 केसों की सुनवाई होती है। 

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रशासनिक ट्रिब्यूनल की अधिसूचना पर फिलहाल रोक लगा चुके हैं लेकिन वकीलों को वह भी मंजूर नहीं, उनका कहना है कि ट्रिब्यूनल की अधिसूचना रद्द करने पर ही वह हड़ताल वापस लेंगे।


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Priyanka rana

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