इटली में चंडीगढ़ के 6 हैरीटेज फर्नीचर आइटम्स 55.68 लाख रुपए में हुए नीलाम

punjabkesari.in Friday, Dec 04, 2020 - 10:59 PM (IST)

चंडीगढ़ (राजिंद्र शर्मा): शिकायत के बावजूद इटली में चंडीगढ़ के हैरीटेज फर्नीचर की ऑक्शन नहीं रुक सकी। ऑक्शन में चंडीगढ़ के हैरीटेज फर्नीचर की 6 आइटम्स 55.68 लाख रुपए में नीलाम हुई। हैरीटेज प्रोटेक्शन सैल के सदस्य अजय जग्गा ने इस संबंध में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को गत दिन शिकायत दी थी लेकिन बावजूद इसके ये ऑक्शन नहीं रुक सकी। इन हैरीटेज फर्नीचर में से तीन आइटम्स पंजाब यूनिवर्सिटी की भी हैं।

 


तीन आइटम्स पंजाब यूनिवर्सिटी की भी
इटली में जो हैरीटेज फर्नीचर नीलाम हुआ है, उनमें पंजाब यूनिवर्सिटी से पेयर ऑफ मॉडल वूड चेयर्स, एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग चंडीगढ़ से लो टेबल वूडन स्ट्रक्चर एंड गलास टॉप, पंजाब यूनिवर्सिटी से आर्म चेयर विद वूडन स्ट्रक्चर और सीट, स्मॉल वूडन स्टूल और पियरे जेनरे के पेयर ऑफ स्मॉल वूडन स्टूल शामिल है। 
 

लंदन में भी हुई थी ऑक्शन 
इससे पहले लंदन में हुई ऑक्शन में भारतीय हाई कमीशन और पुलिस ने दखल भी दी थी लेकिन बावजूद इसके उस ऑक्शन को भी रोका नहीं जा सका था। उस नीलामी में चंडीगढ़ असेंबली के लिए ली काबूर्जिए और पियरे जेनरे द्वारा डिजाइन किया गया कमेटी टेबल सबसे महंगा करीब 71.57 लाख में बिका था। इंडियन हाई कमीशन ने शिकायतकत्र्ता अजय जग्गा से इस नीलामी से जुड़ी सभी जानकारी मांगी थी। साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय के उस आदेश की कॉपी भी मांगी थी, जिसमें चंडीगढ़ के हैरीटेज फर्नीचर को विदेश में ले जाकर बेचने पर प्रतिबंध लगाने का जिक्र किया गया है, जिसके बाद ही उन्होंने ये सभी दस्तावेज भेज दिए थे। 
 

जांच की मांग की थी होनी चाहिए
शिकायत में जग्गा ने कहा कि आगे हैरीटेज फर्नीचर की ऑक्शन को रोकने के साथ ही इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए कि आखिरकार देश से बाहर ये हैरीटेज फर्नीचर पहुंच कैसे रहा है। जो भी फर्नीचर की तस्करी में शामिल हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा यहां स्थानीय स्तर पर भी इसकी चोरी रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए। उन्होंने यूएन के समक्ष भी इस मुद्दे को उठाने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि ये भी जांच होनी चाहिए कि पहले से जानकारी देने के बावजूद एंबेसी और लोकल लॉ इन्र्फोसमैंट एजैंसियों की ओर से ऑक्शन रोकने के लिए प्रयास किया गया या नहीं। 
 


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AJIT DHANKHAR

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