‘बेटी को हॉकी प्लेयर बनाने के लिए सुने रिश्तेदारों-पड़ोसियों के ताने’

punjabkesari.in Monday, Aug 02, 2021 - 10:37 PM (IST)

चंडीगढ़, (लल्लन यादव): टोक्यो ओलिम्पिक में क्वार्टर फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया को 1-0 से धूल चटाकर पहली बार सैमीफाइनल में जगह बनाकर इतिहास रचने वाली भारत की महिला हॉकी टीम में नयागांव की होनहार बेटी रीना खोखर भी शामिल है। बेटी की इस उपलब्धि से माता-पिता फूले नहीं समा रहे। इंडिया-ऑस्ट्रेलिया का मैच टी.वी. पर देखा और भारत की बेटियों के शानदार प्रदर्शन का जमकर जश्न मनाया। 

 


मैच जीतते ही उन्हें बधाई देने के लिए फोन की घंटी बजनी शुरू हो गई। रीना खोखर के पिता जगपाल सिंह ने बताया कि मुझे बहुत खुशी है कि भारतीय महिला टीम पहली बार सैमीफाइनल में पहुंची। हमारी बेटी ने इस मुकाम तक पहुंचने तक कड़ी मेहनत की है। बेटी को हॉकी प्लेयर बनाने पर हमने भी रिश्तेदारों-पड़ोसियों के ताने सुने लेकिन आज बेटी की कामयाबी से हमारा सिर गर्व से ऊंचा हो गया है। साथ ही यह कामयाबी उन लोगों के लिए भी सबक है, जो बेटा-बेटी में फर्क करते हैं। बेटियां क्या नहीं कर सकती? बस, उनका हौसला बनाए रखना होता है।


रीना ने फोन कर कहा- पापा हम मैच जीत गए
रीना की मां राजकुमारी ने बताया कि पति आर्मी में थे, इसलिए बच्चों की जिम्मेदारी मुझ पर थी। जब मैं तीनों बच्चों को खेलने के लिए मैदान में लेकर जाती तो रिश्तेदार और पड़ोसी ताने मारते थे लेकिन इसके बाद भी मैं पीछे नहीं हटी और आज जो कुछ है वो एक नया इतिहास है। पिता जगपाल ने बताया कि मैच से पहले उनकी बेटी से बात हुई थी। मैंने बस यही कहा था कि आप सभी अपने गेम पर फोकस करो। सामने कौन-सी टीम है, इस बारे में मत सोचो। भगवान पर विश्वास रखो, जीत आपकी ही होगी। जब टीम मैच जीती तो रीना ने फोन किया और कहा कि पापा हम मैच जीत गए। 


इंजरी के बाद की टीम में वापसी
पिता जगपाल सिंह ने बताया कि एक्सरसाइज के दौरान एक बार रीना खोखर को जिम में इंजरी हो गई थी लेकिन उसने हार नहीं मानी और 2 माह बाद ही इंडिया टीम में वापसी की। रीना खोखर साल 2017 से इंडिया टीम की सदस्य हैं। इस दौरान रीना ने कई इंटरनैशनल मैच खेले हैं। इनमें कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और वल्र्ड कप शामिल हैं। एशियन गेम्स 2018-19 में टीम ने रजत पदक जीता।


जूनियर लैवल पर कई पदक जीते
जगपाल सिंह ने बताया कि रीना पहले जी.एम.एस.एस.एस.-19 में पढ़ती थी लेकिन हॉकी खेलने के लिए हॉकी स्टेडियम सैक्टर-18 में आती थी। रीना का चयन चंडीगढ़ वूमैंस हॉकी टीम में हुआ। वहां पर उसने जूनियर लैवल पर कई पदक जीते। फिर इंडिया हॉकी अकादमी, ग्वालियर में सिलैक्ट हुई। इसके बाद रीना ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक कामयाबी मिलती गई। 


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News Editor

ashwani

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