‘बेरोजगारी में हरियाणा फिर बना नंबर वन, 3 में से 1 हरियाणवी बेरोजगार : दीपेंद्र’

punjabkesari.in Tuesday, Jan 05, 2021 - 07:27 PM (IST)

चंडीगढ़, (बंसल): राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश में लगातार बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि सी.एम.आई.ई. यानी सैंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की ताजा रिपोर्ट ने एक बार फिर हरियाणा की भाजपा-जजपा सरकार को आइना दिखाने का काम किया है। एक बार फिर हरियाणा बेरोजगारी में टॉप पर आया है। दिसम्बर महीने की रिपोर्ट में पता चला है कि हरियाणा में 32.5 प्रतिशत बेरोजगारी दर है। इसका मतलब है कि प्रदेश में हर 3 में से 1 हरियाणवी बेरोजगार है। ये पूरे देश की औसत बेरोजगारी दर से करीब 4 गुना ज्यादा है।

 


दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोरोना के चलते प्रदेश में ये हालात नहीं हुए हैं। कोरोना काल से पहले भी हरियाणा के युवा 28 प्रतिशत बेरोजगारी दर झेल रहे थे। उस वक्त भी हरियाणा बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर था। सिर्फ सी.एम.आई.ई. ही नहीं खुद एन.एस.ओ., एस.जी.डी. जैसे तमाम सरकारी और निजी संस्थाओं के आंकड़े बार-बार हरियाणा सरकार के नकारात्मक प्रदर्शन की पोल खोलते रहे हैं। आज देश इतिहास की सबसे ज्यादा बेरोजगारी और नकारात्मक विकास दर झेल रहा है। लेकिन देश की औसतन बेरोजगारी दर से भी करीब 4 गुना ज्यादा हरियाणा की बेरोजगारी दर है। यू.पी., बिहार जैसे पिछड़े माने जाने वाले राज्यों ने भी रोजगार देने के मामले में हरियाणा को पछाड़ दिया है।
‘सरकार हर नकारात्मक उपलब्धि हासिल करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है’


दीपेंद्र ने कहा कि ऐसा लगता है मानो मौजूदा सरकार हर नकारात्मक उपलब्धि हासिल करने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है। शायद इसलिए उसने हरियाणा को अपराध, दंगे, नशे, प्रदूषण और बेरोजगारी में टॉप पर लाकर खड़ा कर दिया है। नई-नई नकारात्मक उपलब्धियां हासिल करना हरियाणा की गठबंधन सरकार के लिए रुटीन हो गया है। लेकिन उसके इस नकारात्मक प्रदर्शन का खामियाजा हरियाणा का नौजवान भुगत रहा है।


‘कच्चे ही नहीं पक्के कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाया जा रहा है’
राज्यसभा सांसद ने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने के बजाय उनका रोजगार छीनने में लगी है। मौजूदा सरकार में कच्चे ही नहीं पक्के कर्मचारियों को भी नौकरी से हटाया जा रहा है। पिछले दिनों पी.टी.आई., फिर ड्राइंग टीचर और अब एक बार फिर ग्रुप डी में स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती हुए 1518 कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया। इस सरकार ने तो कोरोना काल में भी कर्मचारियों को नहीं बख्शा और कोरोना योद्धा सफाई कर्मचारियों समेत प्रदेशभर से सैंकड़ों कच्चे कर्मचारियों की छंटनी कर दी।


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Vikash thakur

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