एस्टेट ऑफिसर के मिसयूज चार्जिस वसूलने के आदेश खारिज

punjabkesari.in Sunday, Mar 15, 2020 - 12:04 PM (IST)

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चीफ एडमिनिस्ट्रैटर की कोर्ट ने सैक्टर-11 निवासी को मिसयूज के केस में बड़ी राहत देते हुए एस्टेट ऑफिसर के आदेशों को खारिज कर दिया है और उचित निर्णय लेने के लिए ये केस दोबारा एस्टेट ऑफिसर को भेज दिया है। 

रैजीडैंशियल प्रॉपर्टी की मिसयूज को लेकर एस्टेट ऑफिस ने अपीलकर्ता से मिसयूज चार्जिज वसूलने के आदेश दिए थे, जिसके बाद ही उन्होंने चीफ एडमिनिस्ट्रैट के समक्ष अपील दायर की थी। 

सैक्शन 8ए के तहत भेजा गया था शोकॉज नोटिस :
हाऊस नंबर 4, सैक्टर-11ए निवासी जतिंदर पाल सिंह से 19 सितम्बर 2008, 12 मार्च 2009, 16 जून 2014, 13 अक्तूबर, 2014 और 16 सितम्बर 2018 को एस्टेट ऑफिसर द्वारा पास किए गए आदेशों के तहत उक्त घर के संबंध में उनसे मिसयूज चार्जिज वसूलने के आदेश पास किए गए थे। अलॉटमैंट लैटर की टर्म एंड कंडीशन्स के तहत उक्त हाउस को सिर्फ रैजीडैंशियल पर्पज के लिए ही इस्तेमाल किया जा सकता है। 
 
लेकिन इस्पैंक्शन के दौरान ये सामने आया था कि इस घर में तय एरिया से ज्यादा एस.टी.डी., पी.सी.जे., साइबर कैफे चलाया जा रहा था। इसके बाद ही शोकॉज नोटिस सैक्शन 8ए के तहत ऑनर्स को भेजा गया था। इस दौरान 15 सितम्बर 2008 को निरीक्षण अधिकारी ने दोबारा साइट की चैकिंग की, जिसमें उक्त साइट पर कोई मिसयूज नहीं पाई गई। 

इस रिपोर्ट के आधार पर ही असिस्टैंट एस्टेट ऑफिसर ने मिसयूज पीरियड तक मिसयूज चार्जिज के हिसाब लगाने के आदेश दिए। इन आदेशों पर ही मिसयूज को लेकर अपीलकर्ता को लैटर भेजा गया लेकिन वह इन चार्जिज को जमा करवाने में असफल रहे। इसके बाद ही उन्होंने चीफ एडमिनिस्ट्रैट के समक्ष अपील की। 

पूरे प्लॉट एरिया पर ही मिसयूज चार्जिस कैलकुलेट कर लिए :
अपीलकर्ता के काऊंसल ने पक्ष रखते हुए कहा कि एस्टेट ऑफिसर ने गलत आदेश जारी किए हैं। सैक्शन 8ए में मिसयूज चार्जिज लगाने का प्रावधान नहीं है। इसके अलावा सैक्शन 8ए के एक अन्य केस में भी एस.डी.एम. ने मिसयूज चार्जिज से ये हवाला देते हुए छूट दी थी कि इस नोटिस में नियमों के तहत मिसयूज पैनल्टी चार्जिज लगाने का प्रावधान ही नहीं है। 

उन्होंने पक्ष में कहा कि मिसयूज चार्जिज बिना किसी बेस के लगाए गए हैं, जिसमें अपीलकर्ता को अपना पक्ष रखने का उचित समय भी नहीं दिया गया। विभाग ने रिपोर्ट में ये भी साफ नहीं किया कि वह सही मायने में कि तना एरिया है, जहां का मिसयूज किया गया था, जबकि तय समय से अधिक एरिया में मिसयूज का हवाला दिया गया है। 

एस्टेट ऑफिस ने पूरे प्लॉट एरिया पर ही मिसयूज चार्जिज कैलकुलेट कर लिए, जो सही नहीं है। इसके बाद ही चीफ एडमिनिस्ट्रैटर की तरफ से इस केस में ये आदेश सुनाए गए हैं। एस्टेट ऑफिस की ओर से पेश काऊंसल ने कहा कि अपीलकर्ता की ओर से पेश की गई सभी दलीलें निराधार हैं। 


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Priyanka rana

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