मंत्रालय ने मांगा नाहर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी का डिजिटल नक्शा

punjabkesari.in Sunday, Mar 21, 2021 - 09:08 PM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़): हरियाणा सरकार को अब रेवाड़ी की नाहर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी का डिजिटल नक्शा पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पास सब्मिट करवाना होगा। ये निर्देश मंत्रालय की ओर से प्रदेश सरकार के लिए जारी किए गए हैं। इस डिजिटल नक्शे को कंप्यूटर आधारित एप्लिकेशन के लिए भेजना होगा, जिसके जरिए ईको सैंसेटिव जोन की सीमाओं को एकीकृत करने का काम किया जाएगा।

 

प्रदेश सरकार की ओर से जब डिजिटल नक्शा भेजा जाएगा, उसके बाद ही मंत्रालय की ओर से नाहर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के ईको सैंसेटिव जोन की फाइनल नोटिफिकेशन भी जारी की जाएगी। प्रदेश सरकार की ओर से जून 2015 में नाहर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी को ईको सैंसेटिव जोन में लाने के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन तैयार किया गया था लेकिन मंत्रालय के पास रिवाइज्ड प्रोपोजल सब्मिट न करवाने की वजह से फाइनल नोटिफिकेशन भी जारी नहीं किया जा सका था। अब पिछले साल नवम्बर में एक बार फिर राज्य सरकार ने ड्राफ्ट नोटिफिकेशन तैयार किया था लेकिन अभी तक मंत्रालय ने इसकी फाइनल नोटिफिकेशन जारी नहीं की है।

 


ड्राफ्ट पर नहीं आई कोई ऑब्जैक्शन
ईको सैंसेटिव जोन की एक्सपर्ट कमेटी मीटिंग में हरियाणा वन विभाग के पी.सी.सी.एफ. जगदीश चंद्र और ए.पी.सी.सी.एफ. एम.एस. मलिक ने वीडियो कांफे्रंसिंग के जरिए हिस्सा लिया था। इस दौरान प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया कि नाहर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी के ईको सैंसेटिव जोन के दायरे को लेकर कोई भी ऑब्जैक्शन विभाग के पास नहीं आई है। हालांकि इस एरिया की दो पॉकेट्स रिहायशी क्षेत्र हैं और यहां खेती भी की जाती है। इसलिए ईको सैंसेटिव जोन का दायरा तय करते हुए इस बात का भी ध्यान रखा गया था कि किसी को परेशानी न हो। 


2.11 किलोमीटर के एरिया में फैला है फॉरेस्ट एरिया
नाहर वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी 2.11 किलोमीटर में फैला एक रिजर्वड फॉरेस्ट एरिया है। यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का भी भाग है। यह क्षेत्र काला हिरण, सियार, लोमड़ी, मॉनिटर लिजड्र्स सहित कई अन्य छोटे पशुओं को आश्रय प्रदान करता है। इसके साथ ही यहां नील गाय, जंगली बिल्ली, नेवला, भारतीय कोबरा, रसेल वाइपर, रैट स्नैक, मोर, भारतीय रोल्लेर, पैराकीट और रेड कॉलर्ड कबूतर की भी काफी संख्या है। यही नहीं, रॉयल स्नैक जैसी दुर्लभ प्रजाति भी इस सैंक्चुरी में मिलती है। इसे हरियाणा सरकार की ओर से 30 जनवरी 1987 को सैंक्चुरी का दर्जा दिया गया था। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Ajesh K Dharwal

Recommended News

Related News