चंडीगढ़ में कोविड के डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि

punjabkesari.in Sunday, Jun 27, 2021 - 12:42 AM (IST)

चंडीगढ़न (पाल): 5 दिन पहले पी.जी.आई. ने शहर में कोविड के डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि की बात कही थी, जिसकी वजह से कोरोना की दूसरी लहर बहुत तेजी से शहर में फैली थी। अब शहर में डेल्टा प्लस वैरिएंट की भी पुष्टि हुई है। 

 


हैल्थ डिपार्टमैंट ने बताया कि विकास नगर मौलीजागरां के रहने वाले 35 वर्षीय युवक में डेल्टा प्लस वैरिएंट मिला है। 22 मई को यह युवक संक्रमित हुआ था, जिसके सैंपल होल जीनोमिक सिक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीसी) की जांच के लिए भेजे गए थे। इसमें युवक के सैंपल में डेल्टा प्लस वैरिएंट कन्फर्म हुआ है। 
इसे देखते हुए हैल्थ डिपार्टमैंट ने युवक के परिवार के 4 सदस्यों के सैंपल भी अब जांच के लिए भेजे हैं, जो मई में ही कोविड पॉजिटिव हुए थे। सभी की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। इनमें दो उम्रदराज लोग और एक बच्चा है। कोरोना पॉजिटिव होने के दौरान इनमें से किसी को भी हॉस्पिटल में भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी थी। सभी को हल्के कोविड सिम्टम्स थे। साथ ही किसी ने भी वैक्सीन नहीं लगवाई थी। 

 


33 सैंपल में चिंता की बात
हैल्थ डिपार्टमैंट ने मई से जून के बीच चंडीगढ़ से 50 सैंपल एन.सी.डी.सी. लैब दिल्ली में जांच के लिए भेजे थे। 35 सैंपल में चिंताजनक कोविड का वैरिएंट मिला है जोकि एक गंभीर खतरा हो सकता है। एक में अल्फा वैरिएंट, 33 में डेल्टा और एक में डेल्टा प्लस वैरिएंट पाया गया है। भारत में अभी तक 3 मौतों के साथ 52 मामले डेल्टा वैरिएंट के आ चुके हैं। ज्यादा मामले महाराष्ट्र, तमिलनाडु और मध्यप्रदेश में सामने आए हैं। वहीं, डब्ल्यू.एच.ओ. भी मान चुका है कि कोरोना का यह रूप बेहद खतरनाक है।


डेल्टा वैरिएंट ने दूसरी लहर में चंडीगढ़ में बरपाया था कहर
कोविड की दूसरी लहर ने बहुत तेजी से और ज्यादा लोगों को संक्रमित किया था। किसी को अंदाजा नहीं था कि वायरस इतना ज्यादा खतरनाक हो जाएगा। पी.जी.आई. की ओर से लगतार वायरस के म्यूटेशन को लेकर जांच की जा रही है। शहर में कोविड की दूसरी लहर इसलिए तेजी से फैली क्योंकि कोविड वायरस में डेल्टा डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2 ) और अल्फा डेल्टा वैरिएंट (बी.1.1.7. ) था, जो बहुत तेजी से फैलता है। 
यह डेल्टा वैरिएंट बहुत संक्रामक है। पी.जी.आई. ने वायरस की जीनोम सिक्वैंसिंग (एक तरह की जांच) के लिए सैंपल एन.सी.डी.सी. भेजे थे। इसमें पता चला था कि 61 प्रतिशत सैंपल में डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2 ) और 30 प्रतिशत में अल्फा वैरिएंट (बी.1.1.7.) पाया गया। सभी सैंपल में से 92 प्रतिशत सैंपल चंडीगढ़ से थे। पी.जी.आई. डायरैक्टर डॉ. जगत राम ने भी बताया था कि डेल्टा स्ट्रेन की वजह से शहर में कोविड केस बढ़े थे।  

   
क्या है डेल्टा प्लस?
डेल्टा प्लस प्रकार वायरस के डेल्टा या बी1.617.2 प्रकार में उतपरिवर्तन होने से बना है। इस जीनोम का सबसे पहला क्रम इस साल मार्च के आखिर में यूरोप में पाया गया था। वैज्ञानिकों ने कोरोना के इस नए रूप को ‘डेल्टा प्लस’ ए.वाई. 1 नाम दिया है। माना जा रहा है कि ये भारत में तीसरी लहर आने का कारण बन सकता है।


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News Editor

AJIT DHANKHAR

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