बेबसीः कोरोना वायरस के कारण टूटा मां बनने का सपना

punjabkesari.in Thursday, Mar 19, 2020 - 12:20 PM (IST)

चंडीगढ़(अर्चना) : ऑस्ट्रेलिया के एक व्यक्ति के पिता बनने की राह में कोरोना वायरस आड़े आ गया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए रवि के भारत आगमन पर रोक लग गई है। रवि की पत्नी मौली (बदला हुआ नाम) दिसम्बर से इन विट्रो फर्टिलाइजेशन के लिए भारत आई हुई हैं। चंडीगढ़ के एक आई.वी.एफ. सैंटर ने मौली को पति से पहले भारत आकर जरूरी टैस्ट कराने के लिए बुलाया था। 

मौली दिसम्बर के अंतिम सप्ताह से अपने खून और हार्मोंन से जुड़े टैस्ट करवा रही थी। टैस्ट के बाद मौली की आई.वी.एफ. के लिए ट्रीटमैंट चल रही थी और 20 मार्च को उसके पति रवि को भारत आकर आई.वी.एफ. ट्रीटमैंट के लिए स्पर्म सैल्स देना थे परंतु रवि को जब भारत आने की इजाजत नहीं मिली तो सैंटर ने मौली के एग्स को छह महीनों के लिए फ्रीज कर दिया है। 

अब जब रवि भारत आएंगे तब आई.वी.एफ. ट्रीटमैंट की प्रक्रिया को पूरा किया जा सकेगा। मौली के एग्स का नाइट्रोजन टैंक्स से निकालकर सैंटर की लैब में रवि के स्पर्म सैल्स के साथ मिलान किया जाएगा।

PunjabKesari

आई.वी.एफ. से ही बन सकती है मां :
मौली ने बताया कि चार साल पहले उसकी रवि के साथ शादी हुई थी। वह दिल्ली की रहने वाली है और शादी के बाद ऑस्ट्रेलिया में ही रहने लगी थी। शादी के बाद वह तीन दफा गर्भवती हुई लेकिन उसका गर्भस्थ शिशु यूटरिस की बजाए फैलोपियन ट्यूब में ही अटक जाता था, जिसकी वजह से उसे अपनी एक फैलोपियन ट्यूब को भी निकलवाना पड़ गया था। 

ऑस्ट्रेलिया के डाक्टर्स का कहना था कि वह सिर्फ आई.वी.एफ. ट्रीटमैंट की मदद से ही मां बन सकती है क्योंकि उसके गर्भ में एंब्रोय सही जगह पर बढऩा नहीं शुरू करता। लगातार इसी तरह से गर्भवती होने की वजह से उसके स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है। मौली ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के आई.वी.एफ. ट्रीटमैंट पर उसे भरोसा नहीं था। 

ऑस्ट्रेलिया में उसने ऐसे बहुत से उदाहरण देखे थे, जब महिलाएं आई.वी.एफ. के बावजूद मां नहीं बन सकी थी और वहां के आई.वी.एफ. का खर्च भी भारत के मुकाबले तीन गुणा अधिक था। मौली ने कहा कि उसे ऑस्ट्रेलिया में उसके पति के पास वहां की स्थाई नागरिकता है इसलिए आई.वी.एफ. के लिए उन्हें उतनी ही फीस देना पड़ती, जितनी उसे भारत में देनी पड़ेगी लेकिन भरोसा भारतीय ट्रीटमैंट पर ही था इसलिए वह भारत आई। 

PunjabKesari

सपना जल्द पूरा होने की उम्मीद :
मौली ने कहा कि उसे इंतजार था कि उसके पति 20 मार्च को भारत आएंगे और उसके बाद वह आई.वी.एफ. की मदद से गर्भधारण कर सकेगी लेकिन कोरोना वायरस के खतरे की वजह से अब उसके पति के देश आने पर रोक लग गई है इसलिए उसने अपने एग्स को फ्रीज करवाने का फैसला लिया। 

मौली ने बताया कि उसके एग्स को छह महीने के लिए फ्रीज कर दिया गया है और अगर जरूरत पड़ी तो एग्स को आगे भी संरक्षित रखा जा सकेगा हालांकि उसे पूरी उम्मीद है कि आने वाले कुछ दिनों के अंदर उसके पति को भारत आने की अनुमति मिल जाएगी और वह भी मां बनने का सपना पूरा कर सकेगी।

PunjabKesari

एग फ्रीजिंग से महिला के एग्स लंबे समय तक रखे जा सकते हैं सुरक्षित :
गायनीकॉलोजिस्ट और आई.वी.एफ. विशेषज्ञ डॉ. जी.के. बेदी का कहना है कि आई.वी.एफ. ट्रीटमैंट उन जोड़ों के लिए वरदान है, जो सामान्य तौर पर माता-पिता नहीं बन सकते लेकिन एग फ्रिजिंग ऐसी तकनीक है जिसमें महिला अपने एग्स को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकती है। 

आजकल कैरियर की दौड़ में महिलाएं 30 की उम्र के बाद शादी करती हैं और उसके कुछ सालों बाद बच्चे के जन्म की योजना बनाती हैं जबकि बढ़ती उम्र के साथ महिलाओं के एग्स की क्वालिटी बिगडऩे लगती है। 35 साल की उम्र के बाद मां बनने के लिए उपयुक्त 60 प्रतिशत एग्स की क्वालिटी खराब हो जाती है इसलिए लड़कियां 24 व 25 साल की उम्र में ही एग्स को फ्रीज करवा रही हैं। 

ताकि जब वह बच्चे की प्लानिंग करें तब गुड क्वालिटी एग्स का इस्तेमाल कर स्वस्थ शिशु को जन्म दिया जा सके। मौली के एग्स को यूं तो छह माह के लिए नाइट्रोजन टैंक के कैनिस्टर में फ्रीज कर दिया गया है लेकिन अगर पति पहले आ जाते हैं तो फर्टिलाइजेशन के लिए इस्तेमाल कर लिया जाएगा और फर्टिलाइज्ड एग को मौली के गर्भ में डाल दिया जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Priyanka rana

Recommended News

Related News