पिता और बहनों ने धोखे से बेच दिया एन.आर.आई का करोड़ों का प्लॉट

punjabkesari.in Tuesday, Jun 15, 2021 - 12:28 AM (IST)

चंडीगढ़, (राय): एन.आर.आई. ने करोड़ों की प्रॉपर्टी धोखाधड़ी से बेचने का आरोप लगाया है। धोखाधड़ी करने वाले भी उनके अपने ही परिवार कि लोग हैं।  पीड़ित नरेश कौशल ने बताया कि वह 16 साल पहले कनाडा चले गए थे और जब 2019 में इंडिया आए तो पता चला कि उनके पिता, मां और बहनों ने मिलकर उनके पंचकूला के एम.डी.सी. सैक्टर-6 स्थित करोड़ों के प्लॉट को धोखे से बेच दिया। नरेश ने कनाडा जाने से पहले मां के नाम पर प्लॉट की पावर ऑफ अटॉर्नी कर दी थी और उसी का फायदा उठाकर उनके पिता ने पहले तो प्रॉपर्टी अपने नाम की और फिर उसे करोड़ों में बेच दिया। 

 


अब नरेश कौशल ने अपने पिता सुखदेव राय कौशल, संतोश कौशल, जीजा हरकेश मनराओ और दोनों बहनों रेनू मनराओ और रमा प्रभाकर के खिलाफ केस दर्ज किए जाने के लिए पंचकूला पुलिस को शिकायत दी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री हरियाणा और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी एक लैटर भेजा है, जिसमें उन्होंने एन.आर.आई. के लिए स्पैशल फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने की मांग की है।


हुडा के अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग
नरेश कौशल ने बताया कि वे 2005 में कनाडा गए थे। जाने से पहले उन्होंने हरियाणा अर्बन डिवैल्पमैंट अथॉरिटी में 5-6 प्लॉट्स के लिए अप्लाई किया था। एक साल बाद 2006 में पंचकूला के मनसा देवी कॉम्प्लैक्स सैक्टर-6 में उनका 350 गज का एक प्लॉट निकल गया। इस प्लॉट में उन्होंने अपने पिता को 50 फीसदी का हिस्सेदार बनाया हुआ था। 2008 में वे कनाडा से से इंडिया आए और अपनी मां के नाम पर पावर ऑफ अटॉर्नी कर दी लेकिन उसमें प्रॉपर्टी को बेचने के अधिकार नहीं थे। इसके बाद वे कनाडा चले गए। 
उनके पिता और बहनों ने मिलकर पहले तो प्रॉपर्टी का पूरा शेयर पिता के नाम किया और फिर उसे आगे किसी को करोड़ों रुपए में बेच दिया। ये प्लॉट आरोपियों ने साल 2009 में ही बेच दिया था जबकि उन्हें 10 साल तक तो इस बारे में भनक भी नहीं लगी। 2019 में नरेश कनाडा से आए और अपनी प्रॉपर्टी के बारे में पूछा तो उनके पिता ने बताया कि वह प्रॉपर्टी तो उन्होंने बेच दी। उन्होंने फिर हुडा के अफसरों से इस बारे में बात की और पूछा कि उनसे पूछे बिना कैसे प्रॉपर्टी उन्होंने उनके पिता के नाम पर ट्रांसफर कर दी तो किसी के पास जवाब नहीं था। नरेश कौशल ने हुडा के अफसरों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।  


केवल नाम के हैं एन.आर.आई. सैल
कौशल ने कहा कि पंजाब, चंडीगढ़ और हरियाणा में एन.आर.आई. के लिए स्पैशल सैल तो बने हुए हैं लेकिन वे केवल नाम के हैं। इनमें भी एन.आर.आई. की शिकायतों के साथ वही किया जाता है जो बाकी शिकायतों के साथ होता है। उनकी शिकायतों को भी पुलिस दबा देती है, जिस वजह से उन्हें भटकना पड़ता है। कौशल ने कहा कि इसलिए वे चाहते हैं कि एन.आर.आई. फास्ट ट्रैक कोर्ट बननी चाहिए ताकि उनके मामलों का जल्द ही निपटारा हो सके। उन्होंने कहा कि इसी केस की वजह से वे दो साल से परेशान हो रहे हैं और कनाडा भी वापस नहीं जा सके हैं। उनका काम और सेहत दोनों प्रभावित हो रही हैं।


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News Editor

ashwani

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