कमिशन ने डी.एच.बी.वी.एन. से मांगी दो वर्षों की ए.सी.डी. चार्ज की रिपोर्ट

punjabkesari.in Monday, Jul 19, 2021 - 09:44 PM (IST)

चंडीगढ़, (विजय गौड़): हरियाणा इलैक्ट्रिसिटी रेगुलैट्री कमिशन (एच.ई.आर.सी.) ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डी.एच.बी.वी.एन.) से पिछले दो वर्षों के दौरान उपभोक्ताओं से वसूल किए जाने वाले एडवांस कंजप्शन डिपोजिट (ए.सी.डी.) चार्ज की रिपोर्ट मांगी है। दरअसल, डी.एच.बी.वी.एन. ने कमिशन के पास पटीशन सब्मिट करवाते हुए वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 के लिए ए.सी.डी. चार्ज को रिवाइज करने की परमीशन मांगी थी।

 

निगम का कहना है कि कोविड-19 की वजह से उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। इसलिए ए.सी.डी. चार्ज को रिवाइज करके इस बोझ को थोड़ा कम किया जा सकता है। ए.सी.डी. चार्ज को 2014 से रिवाइज किया जा रहा है। इसलिए पिछले दो वित्त वर्ष के ए.सी.डी. चार्ज में बदलाव करके उपभोक्ताओं को थोड़ी राहत दी जा सकती है। इस पर कमिशन की ओर से अब डी.एच.बी.वी.एन. को एक रिपोर्ट सब्मिट करने के लिए कहा गया है, जिसमें यह जानकारी देनी होगी कि पिछली बार ए.सी.डी. चार्ज को कब रिवाइज किया गया था? इसके साथ ही निगम को कारण भी बताना होगा कि अगर चार्ज को रिवाइज क्यों नहीं किया गया? 


‘उपभोक्ताओं पर नहीं पड़ेगा अधिक बोझ’
एच.ई.आर.सी. की ओर से डी.एच.बी.वी.एन. को निर्देश दिए गए हैं कि ए.सी.डी. चार्ज को हर साल रिवाइज किया जाना चाहिए। कमिशन का मानना है कि ए.सी.डी. चार्ज का उपभोक्ताओं पर अधिक बोझ नहीं पड़ता है। अब कमिशन ने अगली हियरिंग के दौरान संबंधित डायरेक्टर और चीफ इंजीनियर को मौजूद होकर हर साल वसूले जा रहे ए.सी.डी. की जानकारी देनी होगी। ए.सी.डी. चार्ज को उपभोक्ताओं के बिजली के बिल में जोड़कर भेजा जाता है। 


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News Editor

Vikash thakur

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