‘अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक योजना में परिवर्तन पथप्रदर्शक और ऐतिहासिक : कटारिया’

punjabkesari.in Saturday, Dec 26, 2020 - 08:34 PM (IST)

चंडीगढ़, (ब्यूरो): केंद्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने अनुसूचित जातियों के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में संशोधन के लिए कैबिनेट की हाल की मंजूरी को ऐतिहासिक और पथप्रदर्शक करार दिया। यह योजना 59,000 करोड़ के स्वीकृत निवेश के साथ अगले 5 वर्षों की अवधि में 4 करोड़ अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभ देने के लिए निर्धारित है।
अनुसूचित जाति के कल्याण के लिए वर्ष 1944 में पोस्ट मेट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई थी।  

 

यह सामाजिक न्याय विभाग की तथा भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है। यह एस.सी. छात्रों की पोस्ट मैट्रिक शिक्षा के लिए पूर्ण ट्यूशन फीस और रखरखाव भत्ता प्रदान करता है, जिनकी पैतृक आय 2.5 लाख रुपए प्रतिवर्ष से कम है।  छात्रों का नामांकन वर्ष 2002-03 में 19.94 लाख से बढ़कर 2017-18 में 59.25 लाख हो गया था। ‘प्रतिबद्ध दायित्व’ फार्मूले ने राज्यों के लिए वित्तीय तनाव को बढ़ा दिया था क्योंकि राज्य के अपने संसाधनों से फंड आवश्यकताओं में अचानक वृद्धि हुई थी।  12वीं योजना अवधि के बाद परिदृश्य चिंताजनक हो गया था क्योंकि 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए 10 राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के लिए कोई केंद्रीय हिस्सा नहीं बन पाया जबकि 6 राज्यों के लिए, इसी अवधि के दौरान केंद्रीय हिस्सेदारी 15प्रतिशत से अधिक थी।


मंत्रिमंडल के इस ऐतिहासिक निर्णय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कटारिया ने बताया कि यह सात दशक पुरानी योजना के पुनर्गठन, पुनर्जीवित करने और पुनर्निर्धारण की दिशा में एक स्वागत योग्य कदम है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा में एस.सी. छात्रों का जीईआर बढ़ाना है।
 मोदी सरकार में एक प्रमुख दलित नेता तथा दलित अधिकारों के प्रमुख विचारक कटारिया ने राज्य सरकारों के मंत्रियों के साथ और इस योजना में संरचनात्मक मुद्दों के समाधान के लिए प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठकों को याद किया। उन्होंने पी.एम. मोदी के विजन की सराहना की और उन्हें इस योजना में सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया। 
 


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Vikash thakur

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