वैक्सीन केे ग्लोबल टैंडर में हरियाणा को भी मिली निराशा

punjabkesari.in Friday, Jun 04, 2021 - 08:16 PM (IST)

चंडीगढ़, (पांडेय): हरियाणा में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को जल्द टीकाकरण करने के लिए अभी लंबा वक्त लग सकता है। वजह साफ है कि दूसरे राज्यों की तर्ज पर हरियाणा सरकार के ग्लोबल टैंडर में एक भी कंपनी शामिल नहीं हुई। ऐसे में अब हरियाणा को वैक्सीन सप्लाई के लिए केंद्र सरकार पर ही निर्भर रहना पड़ेगा। हालांकि 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए केंद्र सरकार से वैक्सीन की खेप आ रही है, लेकिन 18 वर्ष से 45 वर्ष तक के लिए कम वैक्सीन मिल रही है। वहीं ब्लैक फंगस के इंजैक्शन के लिए ग्लोबल टैंडर में शामिल हुई महाराष्ट्र की एकमात्र कंपनी को सरकार ने 15 हजार इंजैक्शन का ऑर्डर दे दिया है।


गौरतलब है कि बीते महीने केंद्र सरकार ने 18 वर्ष से 45 वर्ष तक लोगों का वैक्सीनेशन करने के लिए सभी राज्यों को खुद वैक्सीन खरीदने के ऑर्डर जारी किए थे। जिसके तहत ही अन्य राज्यों की तरह से हरियाणा सरकार ने भी ग्लोबल टैंडर जारी किए लेकिन शुक्रवार को खोले गए टैंडर में एक भी कंपनी के शामिल नहीं होने की बात सामने आई। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों को यह पहले से ही अंदेशा था कि वैक्सीन के लिए राज्यों के ग्लोबल टैंडर में कोई कंपनी नहीं शामिल हो रही है, लेकिन फिर भी हरियाणा ने अपने स्तर पर प्रयास किया। इससे पहले पंजाब सहित कई अन्य राज्यों को भी ग्लोबल टैंडर में निराशा हाथ लगी थी। 


‘1 करोड़ 80 लाख की बालिग आबादी का होना है वैक्सीनेशन’
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो हरियाणा में 18 वर्ष से ऊपर की करीब 1 करोड़ 80 लाख की बालिग आबादी है, जबकि 60 लाख के करीब लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है। ऐसे में जिस तरह से केंद्र से कम मात्रा में वैक्सीन की सप्लाई हो रही है उससे लगता है कि पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने में अभी महीनों का वक्त लग सकता है। हरियाणा सरकार की ओर से पूर्व में 60 लाख डोज वैक्सीन की डिमांड की गई थी लेकिन केंद्र से राज्यों को सिर्फ 45 वर्ष से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन करने के लिए ही डोज दी जा रही है। 


‘इंजैक्शन के लिए एक कंपनी हुई शामिल, 15 हजार का दिया ऑर्डर : विज’
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि ब्लैक फंगस के इंजैक्शन के लिए किए ग्लोबल टैंडर एम्फोटेरिसिन, जो ब्लैक फंगस की दवाई है के लिए एक ही कंपनी ने हिस्सा लिया है। हालांकि नियमों के मुताबिक अगर एक ही कंपनी हिस्सा लेती है तो रिटैंडर होता है लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए नियमों में ढील देते हुए हमने उस टैंडर को खोलने की इजाजत दे दी है और उस कंपनी को 15 हजार इंजैक्शन का टैंडर किया था, उनको मंगवाने का ऑर्डर किया जा रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Vikash thakur

Recommended News

Related News