PU  प्रबंधन की अनदेखी से सी. क्लास कर्मियों के मकान जर्जर

punjabkesari.in Monday, Nov 11, 2019 - 10:41 AM (IST)

चंडीगढ़ (हंस): पंजाब यूनिवर्सिटी के ए-29-ए मकान पिछले अढ़ाई वर्षों से खाली पड़ा है। इस मकान में रहने वाली कर्मचारी की अढ़ाई वर्ष पहले मृत्यु हो गई थी। इसमें पीयन कर्मचारी अकेली रहती थी। यह महिला यूसोल में कार्यरत थी। वह कैंपस में कई वर्षों से कार्य कर रहीं थी। हालांंिक सत्र 2011 में ही  सरकारी नौकरी में रैगुलर हो पाई थी। 

 

इसके बाद वह सत्र 2017 तक ही जीवित रहीं। पी.यू. प्रबंधन को कई अन्य कर्मचारी इस मक ान को लेने के लिए लिखकर दे चुके हैं और इसके लिए मांग कर चुके हैं। सी-क्लास कर्मचारियों का कहना है कि कई बार मकान को रिपेयर करवाकर अलॉट करने की बात अथॉरिटी से की गई थी। ऐसे कई मकान और भी हैं जो खस्ताहाल पड़े हैं। इन मकानों को नशेडिय़ों ने अड्डा बनाया हुआ है। आस-पास के मकानों में रहने वाले परिवारों को दिक्कत होती है। 

 

अगर इन मकानों को रिपेयर करवाकर हमें दे दिया जाए तो बहुत से परिवारों के कैंपस में रहने के लिए घर मिल सकता है। लेकिन पी.यू. का इस ओर कोई ध्यान नहीं गया है। इस मकान के पास के रहने वाले कई परिवारों ने बताया कि मकानों के वॅाशरूम इस तरह से अटैच है कि दूसरे परिवार को वॉशरूम का प्रयोग करने के लिए उनके घर के अंदर से आना पड़ता है। इस तरह से उनके घर की सुरक्षा और निजीकरण दोनों समाप्त होते हंै। घरों में बने वॉशरूम की हालत भी खस्ता है। इन वॉशरूम से बारिशों में लगातार पानी की लीकेज होता है।

 

2018 में खानापूर्ति की मुरम्मत कर हुए थे अलॉट
बता दें कि पी.यू. प्रबंधन की ओर से सत्र 2018 सी-क्लास कर्मचारियों को 24 नए रिपेयर किए गए और बड़ा करके बनाए गए मकान अलॉट किए गए थे। इनमें मकानों को दो वर्ष के बाद रिपेयर करके  कर्मचारियों को दिया गया था। लेकिन ये मकान भी खस्ताहाल में उन्हें दिए गए। 

 

इन मकानों को ऊपर-ऊपर से पेंट करके दे दिया गया था। मकानों की कुछ खिड़कियों में दीमक लगी हुई थी। मकानोंमें फर्श भी खराब थी। पी.यू. प्रबंधन का दावा था कि इन मकानों को रिपेयर करने पर 70 से 90 लाख रुपए का खर्चा किया गया था।इसके बावजूद मकानों की हालत खस्ता है। 


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pooja verma

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