रेयर सर्जरी: दो साल के बच्चे की सांस की नली से निकाला बादाम, 4 साल के बच्चे के लंग्स से निकाला स्क्रू

punjabkesari.in Wednesday, Mar 03, 2021 - 12:30 AM (IST)

चंडीगढ़ (पाल): पी.जी.आई. में दो बच्चों की रेयर सर्जरी कर उनकी जान बचाई गई है। 21 महीने के एक बच्चे निहाल के पेट से बादाम तो दूसरे ने स्क्रू निगल लिया था, जिसे सर्जरी कर निकाला गया है। अगर वक्त पर सर्जरी नहीं होती तो दोनों बच्चों की जान तक जा सकती थी। पानीपत के रहने वाले 2 साल के एक बच्चे के बादाम खाने के 5 दिन बाद उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। साथ ही खांसी की शिकायत होने लगी। परिवार ने लोकल हॉस्पिटल में दिखाया तो उसे 22 फरवरी को पी.जी.आई. रैफर किया गया। पी.जी.आई. एडवांस पीडियाट्रिक सैंटर की एमरजैंसी में उसे लाया गया, जहां उसका डायग्नोज किया गया और चेस्ट का एक्स-रे हुआ। जरनल एनेस्थिसिया देकर उसकी रिजिड ब्रोंकोस्कोपी हुई। एक एंडोस्कोप एयरवे के रास्ते भेजकर लेफ्ट विंडपाइप (सांस की नली) से बादाम के टुकड़े को बाहर निकाला गया। डॉक्टर्स की माने तो सर्जरी मुश्किल थी क्योंकि बच्चे की उम्र कम थी, जिसे ट्रीट करना हमेशा चैलेंजिंग होता है। परिवार को सर्जरी को लेकर अवेयर किया गया था, जिनके सहमति देने के बाद सर्जरी हुई।    

 

   
डिस्चार्ज हुआ बच्चा
सर्जरी के बाद ही बच्चे को आराम मिला। डिपार्टमैंट ऑफ पैडियाट्रिक सर्जरी के हैड प्रो. राम समुझ कहते हैं कि टीम ने बहुत बेहतर काम किया है। बच्चे को जिस कंडीशन में लाया गया था, वह बहुत क्रिटिकल थी। डॉ. नितिन जे पीटर्स, डॉ. मनसा रेड्डी और डॉ. अमित के राय ने ब्रोंकोस्कोपी की। इस क्रिटिकल प्रोसीजर के लिए डॉ. अनुदीप जाफरा और उनकी टीम ने एनेस्थिसिया दिया था। कुछ दिन तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद बच्चे को छुट्टी दे दी गई।


लंग्स में फंस गया स्क्रू 
एक दूसरी सर्जरी में से चार साल के लड़के की भी रेयर सर्जरी हुई है। उसके राइट मेन ब्रोन्कस (लंग्स) में एक स्क्रू फंसा हुआ था, जिसकी वजह से उसके पेट में दर्द था। इस क्रिटिकल कंडीशन में बच्चे को पी.जी.आई. लाया गया था। बच्चा अम्बाला का रहने वाला है। डॉक्टर्स ने पहले केस का रैफ्रैंस देते हुए इस बच्चे के परिजन को इस सर्जरी के बारे में बताया, इसकी कंडीशन के बारे में काऊंसलिंग की। रिजिड ब्रोन्कोस्कोपी प्रोसीजर से ही डॉ. नितिन जे पीटर्स ने उस स्क्रू को बाहर निकाला। एयरवे में फॉरेन बॉडीज (सांस की नली में कोई बाहरी चीज जाना) जान के लिए खतरा होती हैं और रिजिड ब्रोन्कोस्कोपी प्रोसीजर का इस्तेमाल करते हुए उन्हें फौरन बॉडी को बाहर निकाला जरूरी है।

अभिभावक ध्यान दें 
पी.जी.आई. डायरैक्टर डॉ. जगत राम ने इन दोनों सर्जरी को लेकर कहा कि अभिभावकों को जागरूक होना चाहिए। बच्चों के आसपास ऐसी चीजें न रखें, न ही उन्हें कुछ ऐसा खेलने के लिए दें। इस तरह के मामलों में बच्चों की जान भी जा सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि पी.जी.आई. पीडियाट्रिक सर्जन्स ने बेहत काम किया है, जिसकी वजह से बच्चों की जान बच पाई है। पी.जी.आई. में हर साल ऐसे 120 बच्चों के मामले आते हैं, जिसमें बच्चे कुछ चीजें निगल लेते हैं। पी.जी.आई. एडवांस पीडियाट्रिक सैंटर इस तरह के मामलों को हैंडल करने में अहम रोल अदा कर रहा है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

AJIT DHANKHAR

Recommended News

Related News