सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को बड़ी राहत

punjabkesari.in Friday, Sep 17, 2021 - 01:01 AM (IST)

चंडीगढ़,  (आशीष): चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग द्वारा संचाालित  सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे 35 हजार बच्चों की 50 प्रतिशत फीस माफ की जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी प्रभजोत कौर ने सभी स्कूल प्रिंसीपल को निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश के मुताबिक जिन स्कूलों ने अप्रैल 2021 से जुलाई 2021 तक वार्षिक और मासिक फीस पूरी ली है, उसे मार्च 2022 तक एडजस्ट किया जाएगा। कोरोना महामारी के चलते यह लगातार दूसरी बार है, जब फीस में 50 प्रतिशत की राहत दी जा रही है। इस फीस से जहां अभिभावकों को आॢथक राहत मिलेगी, वहीं चंडीगढ़ प्रशासन को साढ़े 3 करोड़ रुपए से ज्यादा का घाटा होगा। चंडीगढ़ के सरकारी मॉडल स्कूल और नॉन मॉडल कैटेगरी में बांटे गए हैं। मॉडल स्कूल में इंगलिश मीडियम में पढ़ाई होती है जबकि नॉन मॉडल स्कूल में हिंदी, पंजाबी और इंगलिश मीडियम में पढ़ाई करवाई जाती है।

 


ये है 9वीं और 10वीं के स्टूडैंट्स की फीस
मॉडल स्कूलों में 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए 164 रुपए वार्षिक फीस के रूप में अदा करने होते हैं, जबकि 152 रुपए मासिक फीस अदा की जाती है। मॉडल स्कूल में गल्र्स स्टूडैंट, एस.सी., ओ.बी.सी. कैटेगरी के लड़के, विधवा महिला के बच्चे, फिजीकल डिसएबल स्टूडैंट्स के परिजनों की वार्षिक आमदन डेढ़ लाख रुपए से कम है तो उनकी फीस माफ होती है लेकिन इसके लिए स्टूडैंट्स को 9वीं कक्षा में संबंधित डॉक्यूमैंट्स स्कूल में जमा कराने होते हंै। इसी प्रकार से नॉन मॉडल स्कूल में लड़के, लड़कियों और एस.सी. कैटेगरी को बांटकर फीस चार्ज होती है। 9वीं कक्षा में जनरल कैटेगरी की गल्र्स और ब्वॉयज स्टूडैंट्स को 64 रुपए वार्षिक फीस के रूप में अदा करने होते हैं। इसी प्रकार से मासिक फीस में जनरल कैटेगरी के लड़कों को 58 रुपए, लड़कियों को 43 रुपए, जबकि एस.सी. कैटेगरी में गल्र्स और ब्वॉयज स्टूडैंट को 22.50 रुपए अदा करने होते हैं।


10वीं कक्षा में वार्षिक फीस में जनरल कैटेगरी के ब्वॉयज स्टूडैंट्स को 58 रुपए और गल्र्स स्टूडैंट्स को 43 रुपए, जबकि एस.सी. कैटेगरी के ब्वॉयज और गल्र्स  स्टूडैंट को 22.50 रुपए फीस देनी होती है। इसी प्रकार से मासिक फीस के तौर पर सभी स्टूडैंट्स को 59 रुपए फीस अदा करनी होती है। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने 9वीं और 10वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहे बच्चों की 50 प्रतिशत फीस कम कर दी। इससे शहर के 93 स्कूल में पढ़ाई कर रहे 18 हजार स्टूडैंट्स को राहत मिलेगी। 


प्राइवेट स्कूलों के बच्चों के अभिभावक मायूस
मार्च 2020 में कोरोना शुरू होने के बाद तत्कालीन सलाहकार मनोज परीदा ने प्राइवेट स्कूलों को ट्यूशन फीस लेने के साथ अन्य चार्ज से राहत देने की घोषणा की थी। प्राइवेट स्कूलों ने अक्तूबर 2020 तक स्टूडैंट्स को राहत दी लेकिन उसके बाद फिर फीस मांगनी शुरू कर दी। अप्रैल 2021 में प्राइवेट स्कूलों ने एनुअल चार्ज के साथ पूरी फीस लेनी शुरू कर दी। जिसे लेकर अभिभावक प्राइवेट स्कूल प्रबंधन से लेकर विभाग के आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके हंै कि फीस से राहत दिलाई जाए। इस पर प्रशासन ने भी चुप्पी साध रखी है। जिसका सबसे बड़ा कारण फीस पॉलिसी एक्ट है।


वर्ष 2020 में माफ की थी पूरी फीस
कोरोना महामारी की पहली लहर के बाद शहर के सरकारी स्कूलों में नौवीं से 12वीं कक्षा के सभी बच्चों की फीस को माफ किया गया था। अप्रैल से अक्तूबर तक फीस माफ की गई थी, जिसमें विभाग को 9 करोड़ रुपए का नुक्सान उठाना पड़ा था। उस समय भी विभाग ने एनुअल चार्ज के साथ मासिक फीस लेने से रोक लगाई थी। 


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News Editor

ashwani

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