सुबह स्कूल में मिले अवॉर्ड, शाम को खुद को मारी गोली
punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2020 - 09:06 AM (IST)
मोहाली(राणा) : चंडीगढ़ के एक नामी कॉन्वैंट स्कूल में बाहरवीं क्लास के स्टूडैंट ने अपने घर मोहाली में खुद को गोली मार ली। मौके पर पहुंची फेज-11 थाना पुलिस ने सी.एफ.एस.एल. टीम को बुलाया। पुलिस ने तुरंत छात्र को सिविल अस्पताल फेज-6 पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत बताया।
पुलिस जांच में सामने आया कि जिस रिवाल्वर से हरदात सिंह ने खुद को गोली मारी थी, वह उसके पिता की लाइसैंसी रिवॉल्वर थी। पुलिस ने रिवाल्वर को भी कब्जे में ले लिया है। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का जायजा लेकर वहां से नमूने लिए। हरदात सिंह को वीरवार सुबह स्कूल में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए तीन अवार्ड मिले थे। वह फुटबाल और बॉक्सिंग का खिलाड़ी था और तीन भाइयों में सबसे बड़ा था।
बचपन मेें ही मां की मौत हो गई थी :
फेज-11 थाना प्रभारी कुलवीर सिंह ने बताया कि मृतक मूलरूप में से बठिंडा का रहने वाला था। उसकी मां की बचपन में ही मौत हो गई थी। इसलिए वह परेशान रहता था। वह घर में ज्यादा किसी से बात नहीं करता था। उसके पिता ने दूसरी शादी कर ली थी और उसका पिता दूसरी पत्नी व बेटे हरदात के साथ मोहाली आ गए थे, जहां उन्होंने फेज-10 स्थित मकान नंबर-517 में किराए के मकान में रहना शुरू कर दिया।
पुलिस ने बताया कि वीरवार को हरदात ने लगभग शाम 4 बजे के पास खुद को गोली मारी थी। उस समय घर पर उसकी सौतेली मां थी, लेकिन हरदात ने अपने पिता की लाइसैंसी रिवाल्वर निकाली और अपने कमरे में जाकर खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुन उसकी सौतेली मां भागी और जब उसने देखा कि हरदात खून से लथपथ पड़ा हुआ है और उसके हाथ में रिवाल्वर थी।
मृतक के दोनों छोटे भाई भी इसी स्कूल के स्टूडैंट्स हैं। घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने शुक्रवार को अवकाश की घोषणा की है। वहीं पुलिस ने आसपास रहने वाले लोगों से भी पूछताछ की, लेकिन आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। अभी तक पुलिस के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लग पाया है।
अच्छी शिक्षा देने के लिए बठिंडा से आए थे :
मृतक के पिता ने पुलिस को बताया हरदात की मां की मौत के बाद उसे अच्छी शिक्षा देने के लिए वह उसे लेकर मोहाली आ गए थे और अपना बिजनैस यहीं पर सैट कर लिया था। हरदात का चंडीगढ़ के नामी कॉन्वैंट स्कूल में दाखिला करवाया था, ताकि उसका मन पढ़ाई में लग जाए और अपनी मां की मौत का सदमा उसके दिमाग दूर होता चला जाए।