कोरोना में मुफ्त बांटने को भेजी गेहूं, 2.43 करोड़ मीट्रिक टन हो गई गायब

punjabkesari.in Thursday, Dec 01, 2022 - 08:48 PM (IST)

चंडीगढ़,(रमेश हांडा): मार्च 2020 में देशभर में कोरोना महामारी के चलते लॉकडाऊन लगाना पड़ा था। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत गरीब परिवारों को 5 किलो गेहूं प्रतिमाह मुफ्त वितरित किए जाने की घोषणा की थी जो कि वर्तमान में भी जारी है। पंजाब सरकार को केंद्र की ओर से 236511.495 मीट्रिक टन गेहूं मुफ्त गरीब परिवारों में वितरित करने को भेजी थी जो कि 1 करोड़ 57 लाख 67 हजार 433 कार्ड धारकों को डिपो होल्डर्स की मार्फत प्रति परिवार 5 किलो वितरित की जानी थी। सरकार ने केंद्र से मिली गेहूं का 10.24 प्रतिशत हिस्सा घटाकर जिलावार वितरण मैमो जारी कर दिया। जितनी कटौती गेहूं की गई उसकी कीमत करोड़ों में हैं जिसे लेकर पंजाब के डिपो होल्डर एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए हैं जिनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। 

 

 


केंद्र से आई गेहूं का वितरण करने के लिए 7 नवम्बर को पंजाब सरकार के खाद्य एवं आपूॢत व उपभोक्ता मामलों के विभाग के निदेशक की ओर से जिला खाद्य आपूॢत व उपभोक्ता मामलों के कंट्रोलर्स को भेज मैमो नंबर 1382 में जिलावार वितरित करने के लिए भेजी जाने वाली गेहूं का विवरण दिया था जिसमें कुल 212269 530 मीट्रिक टन गेहूं वितरण के लिए भेजा दर्शाया गया है जो कि केंद्र से गेहूं से 2 करोड़ 43 लाख 41 हजार 965 मीट्रिक टन कम है जिसकी कीमत करोड़ों में है। 
 

 

 

डिपो होल्डरों पर लगे सरकारी आटे की चोरी के आरोप
जब जिला खाद्य एवं आपूॢत विभाग की ओर से गेहूं (जो सरकार ने पिसा कर आटा देने का फैसला किया था) वितरण के लिए डिपो होल्डर्स को भेजा गया तो वह कम पड़ गया। लाभान्वित परिवार डिपो होल्डर्स पर सरकारी आटे की चोरी के आरोप लगाने लगे तो डिपो होल्डर्स ने आर.टी.आई. की मार्फत सरकारी वितरण का रिकॉर्ड लिया और केंद्र से आए गेहूं का रिकॉर्ड लिया तो चौंकाने वाली बात सामने आई कि सरकार ने केंद्र से मिले गेहूं में से 10.24 प्रतिशत की कटौती की है। तमाम दस्तावेजों के साथ डिपो होल्डर्स एसोसिएशन बङ्क्षठडा एक बार फिर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गई और याचिका दाखिल कर मांग की है कि केंद्र से मुफ्त वितरण को आया पूरा गेहूं (आटा) उन्हें वितरण के लिए दिया जाए ताकि सभी जरूरतमंदों तक केंद्र से राहत पहुंच सके। कोर्ट ने याचिका की गंभीरता को देखते हुए सरकार को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है। 


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News Editor

Ajay Chandigarh

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