‘बबला के खिलाफ भाजपा के रविकांत, चंद्रावती ने बगावत कर भरा नामांकन, कांग्रेस का समर्थन’

punjabkesari.in Tuesday, Jan 05, 2021 - 12:27 AM (IST)

चंडीगढ़, (राय) : 8 जनवरी को होने वाले मेयर पद के चुनाव को लेकर भाजपा में बगावत हो गई है। भाजपा के रविकांत शर्मा को मेयर  पद का उम्मीदवार बनाते ही पार्टी के दो पार्षदों ने बगावत कर दी। पार्षद चंद्रावती शुक्ला ने तो पार्टी के आधिकारिक मेयर पद के उम्मीदवार रविकांत शर्मा के खिलाफ ही नामांकन दाखिल कर दिया। वहीं नाराज पार्षद भरत भी भाजपा पर पूर्वांचल व उत्तराखंड के लोगों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भाजपा की बैठक छोड़कर चले गए और इस्तीफा तक देने की घोषणा कर दी। वहीं कांग्रेस ने देर शाम बागी चंद्रावती को समर्थन का ऐलान कर दिया। 

 


भाजपा ने रविकांत शर्मा को मेयर, महेश इंदर सिद्धू को सीनियर डिप्टी मेयर व फर्मिला को डिप्टी मेयर पद का प्रत्याशी घोषित किया है। वहीं चंद्रावती शुक्ला के मेयर पद के लिए नामांकन के दौरान उनके साथ कांग्रेस के मेयर उम्मीदवार देवेंद्र सिंह बबला व डिप्टी मेयर पद के कांग्रेसी उम्मीदवार सतीश कैंथ भी मौजूद थे।
कांग्रेस से बबला ने भरा नामांकन
उधर, कांग्रेस से सदन में विपक्ष के नेता देवेंद्र सिंह बबला ने मेयर पद के लिए नामांकन भरा। इसके अतिरिक्त रविंदर कौर गुजराल को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के पद के लिए सतीश कैंथ ने नामांकन पत्र भरा। 


ले सकते हैं नाम वापस
कांग्रेस पार्टी प्रदेशाध्य्क्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि कांग्रेस मेयर चुनाव में  चंद्रावती शुक्ला को समर्थन देगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मेयर पद के उम्मीदवार देवेंद्र बबला नाम वापस ले सकते हैं। भारतीय जनता पार्टी का असली चेहरा आज मेयर चुनाव में उम्मीदवार को लेकर सामने आया। भाजपा ने उत्तराखंड व पूर्वांचल के लोगों को सिर्फ वोट बैंक समझा। भाजपा ने जिसे मेयर प्रत्याशी बनाया है, उस पर चार वर्ष में कई आरोप लग चुके हैं। 


भाजपा के असंतुष्ट पार्षद संपर्क में हैं
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि भाजपा के ही अन्य असंतुष्ट पार्षद उनके संपर्क में हैं और भाजपा को इस बार मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में हार का सामना करना पड़ेगा। इधर, भाजपा में उठे इस तूफान को शांत करने के लिए भाजपा के तमाम नेता प्रयास में जुट गए हैं। 
मेयर बनने के लिए 14 वोट चाहिए भाजपा का निगम में बहुमत है और उसके पास 20 पार्षद हैं और एक वोट सांसद का भी है, जबकि कांग्रेस के पास कुल पांच पार्षद ही हैं।  मेयर बनने के लिए 14 वोट चाहिए और इस आंकड़े तक पहुंचने में भाजपा को ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं है।

 


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ashwani

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