मुख्यमंत्री ने भाजपा विधायक पर हमले की निंदा की, सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी

punjabkesari.in Saturday, Mar 27, 2021 - 10:34 PM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी कुमार): केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ रोष प्रदर्शन कर रहे किसानों द्वारा कथित तौर पर अबोहर से भाजपा विधायक अरुण नारंग पर किए गए हमले की पंजाब के मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र सिंह ने ङ्क्षनदा करते हुए कहा कि जो भी कानून हाथों में लेकर राज्य की शांति भंग करने की कोशिश करेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसानों को ऐसी ङ्क्षहसक घटनाओं में न पडऩे की अपील करने के साथ-साथ मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की गई कि वह ऐसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए कृषि कानूनों के कारण पैदा हुए संकट का जल्द हल करें।

 


कै. अमरेंद्र ने डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता को भी कानून के तहत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए, जो विधायक को बचाने की कोशिश करने वाले पुलिस मुलाजिमों के साथ भी भिड़ गए। जिक्रयोग्य है कि गुरमेल सिंह पी.पी.एस., एस.पी. हैडक्वार्टरज फरीदकोट, प्रदर्शनकारी भीड़ से विधायक को बचाने और बाहर निकालने की कोशिश के दौरान जख्मी हो गए। उनके सिर पर लाठी भी लगी जिस कारण उनकी पगड़ी उतर गई। उनको मलोट के सिविल अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां यह घटना घटी। डी.जी.पी. ने कहा कि विधायकों और पुलिस अधिकारियों पर हमला करने वाले संदिग्ध व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्थानीय भाजपा नेताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और इसके आधार पर कानून की उचित धाराएं लगाई जाएंगी।


केंद्र में भाजपा की सरकार और गत 4 माह से अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे किसानों में तनाव बढऩे के कारण आज पंजाब के विभिन्न हिस्सों से भाजपा नेताओं के विरुद्ध रोष प्रदर्शन की कई घटनाओं की रिपोर्ट की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा विरोध प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक हक है, परंतु किसी भी तरह की ङ्क्षहसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और राज्य में अमन-कानून की स्थिति को किसी भी कीमत पर भंग करने की आज्ञा नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायक पर हुए हमले को रोकते हुए भाजपा के अन्य नेताओं को प्रदर्शन वाले स्थानों से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।


किसानों और केंद्र के दरमियान बनी तनावपूर्ण स्थिति के हल के लिए प्रधानमंत्री के तुरंत दखल की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की किसी भी तरह की देरी आंदोलनकारी किसानों में और बेचैनी पैदा करेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि सरहद पार से पाकिस्तान सहायता प्राप्त आतंकवादी संगठनों, जो पहले ही स्थिति का फायदा उठाने की ताक में रहते हैं, से बढ़ रहे खतरे से पंजाब और देश की सुरक्षा को बड़ा खतरा हो सकता है।


उन्होंने फिर दोहराया कि केंद्र सरकार को अपना अडिय़ल रवैया छोड़ कर कृषि कानूनों को तुरंत रद्द करना चाहिए और किसानों के साथ विचार-विमर्श करके उनकी जानकारी और फीडबैक के आधार पर नए कानून तैयार करने चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान पिछले 4 महीनों से कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं और केंद्र सरकार द्वारा पीछे हटने के कोई संकेत न मिलने पर किसानों में रोष बढ़ता जा रहा था।


पंजाब भाजपा के नेताओं द्वारा इस मुद्दे पर उनके इस्तीफे की, की जा रही मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज की घटना पर राजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश करने की बजाय उनको केंद्रीय लीडरशिप पर विवादित कृषि कानून वापस लेने के लिए दबाव डालना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब के भाजपा नेताओं को भाजपा की केंद्रीय लीडरशिप को किसानों में पैदा हुए गुस्से से अवगत करवाना चाहिए, जिसको भारत सरकार पंजाब में कांग्रेस का हथकंडा कहकर हकीकत पर पर्दा डाल रही है।


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News Editor

Taranjeet Singh

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