इस वजह से पिछले 1 साल से कालका के वर्कशॉप में खड़े हैं 63 कोच

punjabkesari.in Monday, Jul 17, 2017 - 11:13 AM (IST)

चंडीगढ़(लल्लन) : कालका-शिमला रूट पर चलने वाली मोटर कार व डीलक्स में लगने वाले पुराने सभी कोच खराब होने के कारण अभी तक रिपेयर नही हो सके। जिसका मुख्य कारण बताया जा रहा हैं कि पुराने कोचों में लगने वाले स्पेयर पार्ट्स नहीं मिल रहे हैं। 

 

इसलिए पिछले 1 साल से तकरीबन 63 कोच कालका के वर्कशॉप में खड़े हैं। इन कोचों के ठीक न होने के कारण रेलवे को जहां करोड़ों रुपए का नुक्सान हुआ हैं। वही यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा हैं। इस रूट पर चलने वाले कोच अन्य कोचों से अलग होते हैं। जिसके कारण इनकी रिपेयरिंग भी कालका में ही की जाती हैं। 

 

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन कोचों में लगने वाले स्पेयर पार्ट्स बनाने के लिए डाई का होना जरूरी हैं। जिसको रेलवे विभाग की ओर उपलब्ध न कराने के कारण इन कोचों के रिपेयर का कार्य रुका हैं। यही नही रैगुलर चलने वाली ट्रेनों में भी कम कोच लगाकर चलाया जा रहा हैं। जिसके कारण समर पीक सीजन में यात्रियों को टैक्सी,बस व कार से सफर करके शिमला जाना पड़ा हैं। 

 

कालका से शिमला जाने वाली ट्रेनों में लग रहे सिर्फ 4 से 5 कोच :
कालका-शिमला रूट पर चलने वाली ट्रेनों में हमेशा करीब 7 कोच लगते थे। जिसमें अधिक यात्री सफर करते थे। लेकिन पिछले कुछ समय से इस रूट पर चलने वाली नियमित ट्रेनों में कोच कम लग रहे हैं। 

 

जानकारी के अनुसार इन दिनों चलने वाली ट्रेनों में कोचों के अभाव के कारण सिर्फ 4-5 कोच ही लग रहे हैं। जिसके कारण यात्रियों को ट्रेन ना तो सीट मिल रही हैं। और नही रिजर्वेशन। ऐसे में यात्रियों मजबूरन रोड का प्रयोग करना पड़ रहा हैं। यही नहीं रेलवे की ओर से समर पिक सीजन में हमेशा दो स्पैशल ट्रेन चलाते थे। लेकिन कोच के अभाव के कारण इस बार सिर्फ एक ही स्पैशल ट्रेन चला सके थे। और उसमें भी 5 कोच ही लगे थे। 

 

कोच न होने से आई.आर.सी.टी.सी. का प्रोपोजल नहीं हो सका पास :
आई.आर.सी.टी.सी. की ओर से समर पिक सीजन में हमेशा कालका-शिमला रूट पर पैकेज टूर चलाती थी। जिससे यात्रियों को भी टूर पैकेज लेने में फायदा होता था। लेकिन इस पिक सीजन में आई.आर.सी.टी.सी.की ओर से कोई भी पैकेज टूर की ट्रेन नहीं चला सकी। 

 

इस संबंध में अधिकारियों का कहना हैं कि आई.आर.सी.टी.सी.की ओर से रेलवे को प्रपोजल बनाकर भेजा गया था। लेकिन रेलवे के पास कोच ना होने के कारण यह प्रोपोजल पास नही हो सका। रेलवे की ओर से मुख्य कारण यह बताया गया था कि विभाग के पास कोच उपलबध नही हैं। ऐसे में जहां यात्रियों को नुक्सान हुआ वही रेलवे को भी काफी घाटा लगा। 


 


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