फ्लाईओवर के बीच में आ रहे थे 540 पेड़, 70 प्रतिशत होंगे ट्रांसप्लांट

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2019 - 10:43 AM (IST)

चंडीगढ़ (साजन): शहर में बढ़ते ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए ट्रिब्यून फ्लाईओवर का काम अब जल्द ही शुरू होगा। इस प्रोजैक्ट के बीच आ रहे 540 पेड़ों में से 70 प्रतिशत को काटने की बजाय उन्हें दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करने के वन विभाग के भेजे सुझाव पर नगर प्रशासक ने अपनी मोहर लगा दी है। अब पेड़ों को काटने की बजाय उन्हें दूसरी जगह ट्रांसप्लांट किया जाएगा।  इंजीनियरिंग विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि ट्रिब्यून फ्लाईओवर का काम इस साल के अंत तक शुरू होने की संभावना है। इससे पहले वन विभाग शहर में इस प्रोजैक्ट के तहत आने वाले पेड़ों को देसी तकनीक से उखाड़ कर दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करेगा। 

 

वन विभाग ने पेड़ों को दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करने का दिया था सुझाव 
इस प्रोजैक्ट के बीच 540 पेड़ आ रहे थे, जिसे प्रशासन का इंजीनियरिंग विभाग काटने पर आमदा था लेकिन वन विभाग के हस्तक्षेप के बात यह प्रोजैक्ट बीच लटक गया था। वन विभाग ने इतनी संख्या में पेड़ों को काटने की बजाय प्रोजैक्ट के डिजाइन में थोड़ा परिवर्तन करने की बात कही थी ताकि अधिकतर पेड़ों को काटने से बचाया जा सके। इसी कारण इस प्रोजैक्ट में देरी हो रही थी। वहीं, कोर्ट ने भी इन पेड़ों को काटने से साफ इंकार कर दिया था। 

 

वन विभाग के साथ 4 माह पूर्व केंद्रीय परिवहन रोड मंत्रालय ने किया था इस प्रोजैक्ट स्थल का सर्वे
वन विभाग के अधिकारियों ने केंद्रीय परिवहन रोड मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चार माह पूर्व उक्त प्रोजैक्ट स्थल का सर्वे किया था। इस दौरान इस बात की जांच की थी कि इस फ्लाईओवर को बनाने से कितने पेड़ इसकी चपेट में आ रहे हैं और कितने को बचाया जा सकता है। 

 

इसमें वन विभाग के उप-वन संरक्षक अब्दुल क्यूम ने 540 पेड़ों को बचाने के लिए प्रशासन को दो अलग-अलग सुझावों की फाइल सौंपी थी। इसमें भी उन्होंने 70 प्रतिशत पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की बात कही थी। इस बात पर अब इंजीनियरिंग विभाग भी राजी हो गया है। 

 

जे.सी.बी. की मदद से दक्षिण सैक्टर की खाली जमीन पर पेड़ होंगे ट्रांसप्लांट
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि शहर में ऐसा पहली बार हो रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने का क्रम शुरू होगा।  इन पेड़ों को शहर के दक्षिण सैक्टरों में खाली पड़ी जमीन में ट्रांसप्लांट किया जाएगा। वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि सभी पेड़ों को भारतीय तकनीक से यानी पेड़ को उखाडऩे के लिए जे.सी.बी. की मदद ली जाएगी।
 

इसके बाद पेड़ों को ट्रैक्टर-ट्राली से दूसरी जगह ले जाकर वहां पेड़ के ताने को देखते हुए गड्ढा खोदकर इसे ट्रांसप्लांट किया जाएगा। इस तकनीक से समय ज्यादा लगता है लेकिन खर्च कम आता है। वहीं विदेशों में मशीन ही पेड़ को जड़ से उखाड़ कर दूसरे जगह ट्रांसप्लांट कर देती है, जो अभी तक भारत में नहीं है।  हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी प्रोजैक्ट में आते पेड़ों को काटने की बजाय उन्हें पूरी तरह से ट्रांसप्लांट किया। इसी तर्ज पर चंडीगढ़ में काम होगा।

 


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pooja verma

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