सेना में बंद भर्तियां तुरंत शुरू करे सरकार, आयु सीमा में दे 3 साल की छूट : दीपेंद्र हुड्डा
punjabkesari.in Monday, May 09, 2022 - 08:11 PM (IST)
चंडीगढ़,(बंसल): सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने 3 साल से सेना में भर्ती बंद होने पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि संसद में उन्होंने सरकार से सेना में खाली पडेे पदों की जानकारी मांगी तो उनके सवाल के जवाब में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने माना कि सेना में गैर अधिकारी वर्ग के 8139 पद और जेसीओ/ओआर के 108685 पद खाली हैं। नौसेना में अधिकारी वर्ग के 1557 और नौसैनिक के 11709 पद खाली हैं। वहीं वायु सेना में अधिकारी वर्ग में 571 और वायुसैनिकों के 4970 पद खाली पड़े हैं। यह जानकारी सामने आते ही देशभर में सेना में भर्ती खोलने की मांग तेजी से उठ रही है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि जब तीनों सेनाओं में पद ही खाली पडे हैं तो देश की सुरक्षा मजबूत कैसे होगी।
सेना में भर्ती खुलने से न केवल बेरोजगारी दूर होगी अपितु राष्ट्र की सुरक्षा भी मजबूत होगी। राष्ट्र की सुरक्षा के मामले में सरकार को खजाने की तरफ नहीं देखना चाहिए। सरकार अगर ये सोचती है कि भर्ती नहीं होगी और वेतन नहीं देना पड़ेगा तो ये सोच दूषित है। सांसद ने मांग की कि सरकार तुरंत सेना भर्ती शुरू करे और सेना में भर्ती के इच्छुक युवाओं को आयु सीमा में 3 साल की छूट, अतिरिक्त प्रयासों की अनुमति समेत उनकी सभी जायज मांगें स्वीकार करे। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर युवाओं की मांगें नहीं मानी गई तो कांग्रेस पार्टी सड़क से संसद तक उनके हकों की लड़ाई लड़ेगी।
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में पहले ही सर्वाधिक बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं की फौज में भर्ती की उम्र भी निकलती जा रही है। इसी निराशा और हताशा के चलते पिछले दिनों भिवानी के तालू गांव निवासी युवा पवन ने आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। पवन ने लिखा कि इस बार सेना में भर्ती नहीं हुआ, लेकिन पिताजी अगले जन्म में वे भारतीय सेना में जरूर भर्ती होऊंगा। लेकिन इस संवेदनहीन सरकार के उप-मुख्यमंत्री ने पवन की मौत का भी मजाक उडाया जो दुर्भाग्यपूर्ण है। कोरोना के नाम पर सेना में भर्तियां बंद होने से हरियाणा के युवाओं ने जबर्दस्त आक्रोश है। रोहतक, झज्जर, हिसार, जींद, कैथल, भिवानी समेत हरियाणा के हर जिले में युवा सडकों पर उतर कर सेना में भर्ती शुरू करने की मांग कर रहे हैं। दीपेन्द्र हुड्डा ने सरकार से आग्रह किया कि वह युवाओं के सब्र का इम्तिहान न ले।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि संसद में सरकार के जवाब से स्पष्ट है कि 5 साल में भर्ती के लिए हुई रैलियों की संख्या बताती है कि सेना में भर्ती धीरे धीरे कम हो रही है। सरकार ने संसद में दिए अपने जवाब में बताया कि 2017-18 में 106 रैलियां हुई, 2018-19 में 92 रैलियां, 2019-20 95 रैलियां, 2020-21 में 47 रैलियां और 2021-22 में सिर्फ 4 रैलियां ही हुई हैं। सरकार रैलियां न करने के पीछे कोविड को कारण बता रही है। जबकि, कोरोना के बाद पूरा देश खुल गया सिर्फ युवाओं के लिए सेना में भर्ती का दरवाजा सरकार ने बंद किया हुआ है।