WTO के सुधारों में सभी सदस्य देशों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए: प्रभु

punjabkesari.in Tuesday, May 19, 2020 - 01:28 PM (IST)

नई दिल्लीः विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सुधारों में सभी सदस्य देशों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए और संगठन को भविष्य पर नजर रखते हुए एक समावेशी एजेंडा लेकर आगे आना चाहिए। यह बात पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु ने सोमवार को कही। प्रभु ने कहा कि एक नई दुनिया उभर रही है। इस दुनिया में बहुपक्षवाद के समक्ष गंभीर चुनौतियां खड़ी होने जा रही है। 

‘‘सवाल यह है कि बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के लिए खतरे से कैसे निपटा जायेगा, जब इसकी इस समय इस व्यवस्था की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। डब्ल्यूटीओ वेंटीलेटर पर है और इसे इससे बाहर निकलना होगा। हमें इसका समाधान ढूंढना होगा। यह इकतरफा अथवा अन्य नहीं हो सकता है। डब्ल्यूटीओ में किए जाने वाले सुधारों में सभी सदस्यों के हितों का ध्यान रखना होगा। संगठन को भविष्य पर नजर रखते हुए समावेशी तरीके से एजेंडा लेकर आगे आना होगा।'' 

प्रभु यहां कट्स इंटरनेशनल द्वारा कोविड-19 और बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को पुनर्जीवित करने पर आयोजित एक वेबिनार में भाग ले रहे थे। कार्यक्रम में भाग लेते हुए डब्ल्यूटीओ के पूर्व महानिदेशक पाश्कल लैमी ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद की दुनिया में एक बहुपक्षीय, नियम आधारित और खुली व्यापार प्रणाली काफी चुनौतीपूर्ण होगी। बाजार पहुंच जरूरतों और उपभोक्ताओं की सुरक्षा और संरक्षण संबंधी नियमनों के बीच संतुलन की आवश्यकता है ऐसी भी उम्मीद है कि आने वाले समय में सतर्कता उपायों में काफी वृद्धि होगी, जिसका सीमा पार व्यापार को और नुकसान होगा। कुल मिलाकर हमें अधिक बिखरा हुई व्यापार प्रणाली देखने को मिल सकती है।'' 

कट्स इंटरनेशनल के महासचिव प्रदीप मेहता ने कहा कि यह भारत सहित बीच वाली शक्तियों की जवाबदेही है कि इस बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली को पुनर्जीवित करने के लिए सामूहिक रूप से एक मजबूत नेतृत्व प्रदान करें। विश्व व्यापार संगठन के 164 सदस्य हैं। यह संगठन वैश्विक व्यापार के नियम बनाता है। भारत 1995 से ही इसका सदस्य है।
 


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jyoti choudhary

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