भारत की छोटी-मझौली कंपनियों की मदद के लिए आगे आया World Bank, देगा 5,625 करोड़ रुपए का लोन

punjabkesari.in Wednesday, Jul 01, 2020 - 05:43 PM (IST)

नई दिल्लीः वर्ल्ड बैंक ने MSME की मदद के लिए 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 5625 करोड़ रुपए का लोन देने का ऐलान किया है। यह रकम, सरकार द्वारा घोषित पैकेज (आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम) के तहत एमएसएमई की मदद करेगी। वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 75 करोड़ डॉलर की रकम छोटी और मझौली कंपनियों की नकदी की समस्या का समधान करेंगी क्योंकि, इन कंपनियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की नौकरियां जाने का खतरा बना हुआ है।

भारत का MSME सेक्टर, देश की GDP में 30 फीसदी योगदान देता है। वहीं, मौजूदा समय में इसके एक्सपोर्ट पर भारी दबाव है। ऐसे में इन कंपनियों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों की नौकरी पर तलवार लटकी हुई है।

अमेरिकी दिग्गज कंपनी डेल टेक्नोलॉजीज ने छोटे और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) और स्टार्ट-अप्स की मदद करने के लिए नैसकॉम (राष्ट्रीय सॉफ्टवेयर व सेवा कंपनी संघ) के साथ हाथ मिलाया है। ये मदद प्रतियोगी कीमतों प्रोडक्ट और सर्विसेज देकर की जाएगी।

नैसकॉम के साथ डेल की साझेदारी का प्रभाव 2400 से अधिक एमएसएमई और 9000 से अधिक स्टार्टअप्स पर पड़ेगा, जो नैसकॉम के 10,000 स्टार्ट-अप नेटवर्क का हिस्सा हैं। डेल की तरफ से दी जानकारी के मुताबिक उन्हें डेल के क्लाइंट और इन्फ्रास्ट्रक्चर समाधान पर विशेष ऑफ़र और रेट ऑफर किए जाएंगे।

कंसोर्टियम ऑफ इंडियन असोसिएशन (सीआईए), देश भर में 30 से अधिक एसोसिएशंस का एक प्लेटफॉर्म, ने 'सेव एमएसएमई' अभियान शुरू किया है। बता दें कि केंद्र सरकार ने एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के लिए 'डिस्ट्रेस्ड एसेट्स फंड्स-सबोर्डिनेट डेब्ट' स्कीम लॉन्च की थी। यह सबोर्डिनेट लोन के लिए क्रेडिट गारंटी योजना है, जिससे 2 लाख एमएसएमई को राहत मिलेगी।
 


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jyoti choudhary

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