10 हजार कृषक उत्पादक संगठनों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में होगा व्यापक बदलाव: तोमर

punjabkesari.in Sunday, Jul 05, 2020 - 10:24 AM (IST)

नई दिल्लीः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार को कहा कि 10,000 किसानों उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन करके ग्रामीण क्षेत्र का रूपांतरण किया जाएगा, जो न केवल कृषि क्षेत्र ककी प्रगति में मदद करेगा, बल्कि विकास के नए रास्ते भी बनाएगा। 

तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से लगु उद्योग भारती और सहकार भारती की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, "देश में 86 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं, जो इन एफपीओ के माध्यम से न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेंगे जिससे न केवल कृषि प्रगति हासिल करने में मदद मिलेगी बल्कि इससे देश के विकास के नए रास्ते भी बनेंगे।" इस बैठक में कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला और कैलाश चौधरी तथा केंद्रीय जल संसाधन राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी उपस्थित थे।

एक सरकारी बयान में तोमर के हवाले से कहा गया है कि उन्होंने सम्मेलन में कहा कि शुरुआत में, मैदानी भागों में एफपीओ में सदस्यों की न्यूनतम संख्या 300 और उत्तर-पूर्व और पहाड़ी क्षेत्रों में 100 होगी। उन्होंने कहा कि छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसानों के लाभ के लिए बनाए जा रहे एफपीओ को इस तरह से प्रबंधित किया जाएगा कि इन किसानों को उनकी फसलों के लिए तकनीकी आदानों की प्राप्ति हो सके, उन्हें वित्त और बेहतर बाजारों तक पहुंच मिलने के साथ साथ अपनी ऊपज के लिए बेहतर कीमत मिल सके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को पूरा किया जा सके। तोमर ने कहा कि एफपीओ उत्पादन और विपणन की लागत को कम करने में मदद करेगा तथा कृषि और बागवानी क्षेत्रों में उत्पादन को बढ़ाने में भी मदद करेगा और इससे रोजगार के अवसर को भी बढ़ाने में मदद मिलेगी। 

खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए, मंत्री ने कहा कि बजट 2020-21 में, "एक जिला-एक उत्पाद" (वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोडक्ट) योजना के माध्यम से बागवानी उत्पादों के लिए क्लस्टर दृष्टिकोण अपनाने का प्रस्ताव है, ताकि मूल्य संवर्धन, विपणन और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके। यह एक केंद्रीय योजना है, जिसका कुल बजट 6,865 करोड़ रुपये है। सभी एफपीओ को पांच साल के लिए पेशेवर सहायता और मदद प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि एफपीओ का लगभग 15 प्रतिशत आकांक्षात्मक जिलों में गठन किया जाना है, और अनुसूचित जनजातीय क्षेत्रों में इसे प्राथमिकता के आधार पर गठित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक उत्पाद आधारित क्लस्टर योजना है। एफपीओ जैविक और प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा देगा। 
 


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jyoti choudhary

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