भारत औद्योगीकृत देश क्यों नहीं बन पाया, मारुति के चेयरमैन ने बताया

punjabkesari.in Sunday, Jul 05, 2020 - 05:39 PM (IST)

नई दिल्लीः मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव का मानना है कि भारत को ऐसा देश बनाना जहां विनिर्माण वैश्विक दृष्टि से प्रतिस्पर्धी हो, काफी मुश्किल है। इसके साथ ही उनकी राय है कि यहां सामाजिक रूप से उचित समाज बनाना भी काफी कठिन है। उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशक बाद भी हम भी प्रतिस्पर्धी औद्योगीकृत देश नहीं बन पाए हैं, जिससे समस्याएं कई गुना बढ़ गई है। 

अमीर और गरीब का अंतर और बढ़ता जा रहा है और जो परिस्थतियां बनी हैं वे प्रतिस्पर्धी विनिर्माण और सामाजिक न्याया वाले समाज की दृष्टि से अनुकूल नहीं हैं। भार्गव ने कहा कि देश का विनिर्माण क्षेत्र अभी प्रतिस्पर्धी बनने से काफी दूर है और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में इसका योगदान मात्र 15 प्रतिशत है। इसकी वजह से सामाजिक आर्थिक अंतर को दूर करना अब भी एक दूर का स्वप्न है। हालांकि, भार्गव आशावान हैं। 

मारुति ने चेयरमैन ने अपनी पुस्तक ‘गेटिंग कम्पेटिटिव: ए प्रैक्टिशनर्स गाइड फॉर इंडिया' में उन्होंने लिखा है, ‘‘परेशानियों के बावजूद यह अब भी संभव और आवश्यक है कि हम उन उद्देश्यों को हासिल करें जो अभी तक हमसे दूर हैं। इसके लिए जरूरी है कि हम बदलाव के लिए मजबूत इच्छाशक्ति दिखाएं और देश के विकास के लिए मिलकर काम करें।''
 उनकी यह पुस्तक हार्परकॉलिंस इंडिया ने प्रकाशित की है। 

भार्गव लिखते हैं, ‘‘भारत को औद्योगीकृत बनाने और एक समानता वाला समाज बनाने के लिए क्या करने की जरूरत है? प्रतिस्पर्धी बनना एक ऐसा कार्य है जिसमें देश के सभी लोगों को भूमिका निभानी होगी और अपना पूरा योगदान देना होगा। सरकार और उद्योग अकेले यह काम नहीं कर सकते।'' इस पुस्तक में भार्गव ने नीति निर्माता तथा उद्योग के नेता के रूप में अपने 60 साल से अधिक के अनुभव का वर्णन किया है। 
 


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jyoti choudhary

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