दिवालिया हो सकती है वोडाफोन आइडिया! जानिए पूरी बात

punjabkesari.in Saturday, Jul 24, 2021 - 12:30 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारी कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाए में सुधार के लिए दायर टेलिकॉम कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया है। इससे वोडाफोन आइडिया की फंड जुटाने की कोशिशें प्रभावित हो सकती हैं। विश्लेषकों का कहना है कि वोडाफोन आइडिया के पास अब दिवालिया के लिए आवेदन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

ज्यादा टैरिफ नहीं बढ़ा सकती कंपनी 
एक रिपोर्ट के अनुसार, एनालिस्ट्स का कहना है कि टेलिकॉम मार्केट में जारी प्रतिस्पर्द्धा को देखते हुए कंपनी फिलहाल बहुत ज्यादा टैरिफ बढ़ाने की स्थिति में नहीं है। ऐसे में अगर उसे सरकार की तरफ से कोई बड़ा राहत पैकेज नहीं मिला तो उसके लिए अगले साल अप्रैल के बाद अपना बजूद बचाए रखना मुश्किल हो सकता है। अमेरिका की इक्विटी रिसर्च फर्म William O’ Neil & Co की भारतीय यूनिट में इक्विटी रिसर्च के हेड मयूरेश जोशी ने कहा, 'वोडाफोन आइडिया के पास विकल्प तेजी से कम हो रहे हैं। एजीआर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कंपनी की फंड जुटाने की कोशिशें प्रभावित हो सकती हैं।'

अप्रैल तक करना है 24 हजार करोड़ से ज्यादा का भुगतान 
उन्होंने कहा कि कंपनी को अगले साल अप्रैल तक 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान करना है। फंडिंग के बिना कंपनी के लिए इसे पूरा कर पाना कठिन है। यदि कंपनी के पास सारे विकल्प खत्म होते हैं, तो दूरसंचार क्षेत्र में दो कंपनियां- रिलायंस जियो और एयरटेल बच जाएंगी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन आइडिया और एयरटेल की याचिका खारिज कर दी थी। इन्होंने एजीआर) गणना में त्रुटियों के सुधार के लिए याचिका दायर की थी। 

एक टॉप ग्लोबल ब्रोकरेज के विश्लेषक ने कहा कि वोडाफोन आइडिया जल्दी ही दिवालियापन अदालत का रुख कर सकती है। एजीआर बकाए के मामले में उसके कानूनी विकल्प समाप्त हो गए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद संभावित वैश्विक निवेशक फंडिंग कमिटमेंट से किनारा कर सकते हैं। इससे पहले दूरसंचार क्षेत्र की निगरानी संस्था 'टेलीकॉम वाचडॉग' ने सरकार से कर्जग्रस्त वोडाफोन आइडिया की 8,292 करोड़ रुपये की बकाया राशि के भुगतान के लिए और समय देने के अनुरोध को खारिज करने की मांग की थी। 

वोडाफोन आइडिया ने 25 जून 2021 को दूरसंचार सचिव को एक पत्र लिखकर कहा था कि वह समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की बकाया राशि के भुगतान में नकदी का इस्तेमाल होने और काफी सस्ती कीमतों की स्थिति में जरूरी नकदी का सृजन करने में अपने परिचालन के नाकाम होने" की वजह से नौ अप्रैल 2021 को देय 8,292 करोड़ रुपए की किश्त का भुगतान नहीं कर पाएगी।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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