खुदरा व्यापार नीति में कारोबारियों का बीमा!
punjabkesari.in Monday, Jan 10, 2022 - 12:21 PM (IST)
नई दिल्लीः उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) जल्द ही राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति के लिए सार्वजनिक विमर्श शुरू करेगा। इसमें चोरी, दुर्घटना या किसी प्राकृतिक आपदा से कारोबारियों की सुरक्षा के लिए एक बीमा योजना शामिल किए जाने के आसार हैं। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि नीति में कारोबारियों की मदद के लिए उन्हें कम लागत का ऋण सुविधा मुहैया कराने, डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने और उपयुक्त बुनियादी ढांचा तैयार करने के तरीकों की घोषणा की जाएगी।
सरकार के इस कदम से खासकर परंपरागत कारोबारियों को मदद मिलने की संभावना है, जिन्हें बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा करनी पड़ रही है। इन कारोबारियों की शिकायत है कि ये विदेशी निवेश वाली बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अवैध कारोबारी हथकंडे अपना रही हैं। यह नीति ऐसे समय लागू की जा रही है, जब सरकार ई-कॉमर्स क्षेत्र में नियम कड़े करने के लिए प्रस्तावित कुछ नियमों में ढील देने के बारे में विचार कर रही है। उद्योग के लॉबी समूह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और वैश्विक सलाहकार कंपनी कार्नी द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था में खुदरा तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद में 12 फीसदी से अधिक सकल मूल्य योगदान है। यह क्षेत्र पांच करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देता है।
अधिकारी ने कहा, 'प्रस्तावित राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति का मकसद देश में किराना दुकानों को मदद एवं प्रोत्साहन देना और कारोबारियों का कल्याण है। हम कारोबार करने के लिए आवश्यक लाइसेंस की संख्या घटाकर उनका अनुपालन बोझ हल्का करने के तरीके तलाश रहे हैं।' अधिकारी ने कहा, 'पहले से मौजूद एक पेंशन योजना की तरह अन्य तरीका उन्हें किसी दुर्घटना, चोरी या किसी प्राकृतिक आपदा से बचाने के लिए बीमा पॉलिसी हो सकती है। आसानी से ऋण उपलब्धता और कर्ज की कम लागत भी उतने ही महत्त्वपूर्ण हैं।' उन्होंने कहा कि ऐसी नीतियों का क्रियान्वयन वित्त मंत्रालय करेगा।