क्रेडिट स्कोर खराब होने पर इंश्योरेंस खरीदने में होगी दिक्कत, नहीं खोल सकेंगे डी-मैट खाता

punjabkesari.in Monday, Jan 10, 2022 - 01:40 PM (IST)

नई दिल्लीः बेहतर वित्तीय साख के लिए क्रेडिट स्कोर का अच्छा होना बहुत जरूरी है। क्रेडिट स्कोर खराब होने पर न केवल आपको बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से कर्ज मिलने में मुश्किलें आएंगी बल्कि आने वाले समय में इंश्योरेंस कंपनियां आपको बीमा पॉलिसी देने से मना कर सकती हैं। स्टॉक ब्रोकर आपका डी-मैट अकाउंट खोलने से इनकार कर सकता है। इसका मतलब है कि आप शेयर बाजार में निवेश नहीं कर सकेंगे।

दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल में बदले गए नियमों के बाद कई कंपनियों को क्रेडिट ब्यूरो का डाटा एक्सेस करने की छूट दे दी है। इन नियमों से उन फिनटेक कंपनियों को फायदा होगा, जिनके पास एनबीएफसी का लाइसेंस नहीं है। साथ ही कर्ज देने के लिए बैंकों के साथ समझौता किया हुआ है।

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नए नियमों के तहत ये कंपनियां क्रेडिट स्कोर के आधार पर ग्राहकों को कर्ज दे सकेंगी। इसका मतलब है कि अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा तो कंपनियां सस्ती दर पर और आसानी से आपको कर्ज दे देंगी। क्रेडिट स्कोर खराब होने पर कर्ज मिलने में मुश्किल आएगी। आमतौर पर 750 या इससे ज्यादा के क्रेडिट स्कोर को बेहतर माना जाता है।

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खुल जाएंगे कर्ज लेने के कई विकल्प
आरबीआई के नए नियमों के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ करार कर ये कंपनियां अपने ग्राहकों को बाय नाउ पे लेटर जैसी और योजनाओं की पेशकश कर सकती हैं। फिनटेक कंपनियों को ग्राहकों के क्रेडिट स्कोर संबंधी डाटा का एक्सेस मिलने के बाद ईमानदारी कर्जदारों के लिए कर्ज लेने के कई अन्य विकल्प खुल जाएंगे। इससे कर्ज देने के लिए इन कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे ग्राहकों को लाभ होगा। 

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धोखाधड़ी पर लगेगी लगाम
नए नियमों के तहत धोखाधड़ी पर लगाम लगेगी क्योंकि फिनटेक कंपनियों के पास आपके कर्ज और क्रेडिट स्कोर की पूरी जानकारी लेने की अनुमति होगी। इसके लिए आरबीआई ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज रेगुलेशन-2006 में बदलाव किया है। इस संबंध में केंद्रीय बैंक का हालिया नोटिफिकेशन उसके दो साल पहले के रुख से उलट है। उस दौरान आरबीआई ने कहा था कि क्रेडिट इंफॉर्मेशन को सीधे तौर पर फिनटेक कंपनियों के साथ साझा नहीं किया जा सकता है क्योंकि बैंक इन कंपनियों को बतौर एजेंट नियुक्त कर रहे हैं, जो नियमों के खिलाफ है।

फिनटेक कंपनियों के लिए कुछ शर्तें भी

  • आरबीआई ने ग्राहकों के सुरक्षित हित को देखते हुए छूट देने के साथ इन कंपनियों के लिए कुछ शर्तें तय की है।
  • क्रेडिट संबंधी जानकारी पाने के लिए इन कंपनियों के नेटवर्थ 2 करोड़ रुपए से ज्यादा होनी चाहिए।
  • इनके पास साइबर सिक्योरिटी एंड इंफ्रास्ट्रक्चर सिक्योरिटी एजेंसी से सर्टिफाइड ऑडिटर का प्रमाणपत्र होना चाहिए, जिससे पता चलता है कि कंपनी के पास पुख्ता और सुरक्षित इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सिस्टम है।
  • इसमें यह सुनिश्चित किया गया है कि फिनटेक कंपनियों के पास जा रही किसी व्यक्ति की जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहे।
     

 


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Content Writer

jyoti choudhary

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