पतंजलि से मुकाबले करने के लिए बाकी कंपनियां हो रही है तैयार

punjabkesari.in Tuesday, Feb 13, 2018 - 04:01 PM (IST)

नई दिल्लीः योग गुरु से उद्यमी बने रामदेव की कंपनी पतंजलि वर्ष 2016-17 में 105.61 अरब रुपए के दमदार राजस्व के साथ देश की अग्रणी उपभोक्ता वस्तु कंपनियों की सूची में शामिल हो गई। पिछले पांच साल के दौरान कंपनी के राजस्व में 20 गुना से भी अधिक की बढ़ोतरी हुई। इसी अवधि में कंपनी ने भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद पर आधारित उपभोक्ता वस्तुओं को बाजार में लोकप्रियता दिलाई। पतंजलि ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अपने वित्तीय नतीजों की घोषणा अभी नहीं की है।

इस बीच, अन्य तमाम उपभोक्ता वस्तु कंपनियों के राजस्व में पिछले पांच साल के दौरान 8 से 12 फीसदी के दायरे में वृद्धि हुई। कई कंपनियां पतंजलि की रणनीतियों को समझन और उससे मुकाबले करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। शुरुआती तेजी के बाद अब सवाल यह उठ रहा है कि पतंजलि का प्रदर्शन अब कैसा है और पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान प्रतिस्पर्धियों को उससे निपटने में कितनी सफलता मिली?
पतंजलि से सीधे तौर पर मुकाबला करने वाली कंपनियों के दिसंबर तिमाही के आंकड़ों से इस सवाल का जवाब मिलता है। देश की सबसे बड़ी उपभोक्ता वस्तु कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) की बिक्री में तीसरी तिमाही के दौरान 11 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।

इसे होम से लेकर पर्सनल केयर और फूड ऐंड रिफ्रेशमेंट जैसी तमाम श्रेणियों में वृद्धि से बल मिला। इसके अलावा एक साल पहले की समान तिमाही के कमजोर बेस इफेक्ट से भी नतीजे को बल मिला। एचयूएल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी संजीव मेहता ने कहा कि पतंजलि के साथ सीधे तौर पर मुकाबले वाली श्रेणी पर्सनल केयर में एचयूएल ने साबुन, त्वचा की देखभाल, बालों की देखभाल और टूथपेस्ट जैसी श्रेणी में दमदार वृद्धि दर्ज की है। इसे न केवल कम जीएसटी के कारण मूल्य में कटौती का फायदा मिला बल्कि नैचुरल्स श्रेणी में उत्पादों के आक्रामक लॉन्च से भी मदद मिली।
 


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