CII SURVEY: देश की आर्थिक विकास दर  10% रहने का अनुमान, ओमीक्रॉन का खतरा बरकरार

punjabkesari.in Sunday, Dec 19, 2021 - 10:20 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश के अधिकांश मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) ने चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 10 फीसदी तक रहने का अनुमान जताया है जबकि 10 फीसदी ने तो इसके दहाई अंक में रहने की उम्मीद जताई है। चीन से आयात में भारी कमी आने के साथ ही कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने की भी बात कही गई है। उद्योग संगठन भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा सीआईआई नेशनल काउंसिल के सदस्यों के बीच किए गए सर्वेक्षण में यह कहा गया है। इस काउंसिल में कंपनियों में सीईओ सदस्य होते हैं। 

सर्वेक्षण में शामिल 56 प्रतिशत सीईओ ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर के 9 से 10 फीसदी तक रहने का अनुमान लगाया है जबकि 10 प्रतिशत ने तो इसके 10 फीसदी के पार पहुंचने की बात कही है। लद्दाख में चीनी सेना के साथ भारतीय सैनिकों की झड़प के बाद इस पड़ोसी देश के साथ कई प्रकार के आयात को सीमित किए जाने का असर अब भी दिख रहा है क्योंकि इस सर्वे में शामिल 73 फीसदी सीईओ ने चीन से 10 फीसदी से भी कम आयात की बात कही है जबकि इसमें 22 फीसदी ने कहा कि चीन से उनका आयात 10 से 25 फीसदी के बीच में है। 

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन से आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने के बारे में पूछे जाने पर इसमें शामिल 55 प्रतिशत से कहा कि इससे सेवा क्षेत्र पर बहुत ही बुरा असर पड़ सकता है जबकि 34 फीसदी ने कहा कि विनिर्माण गतिविधियों भी प्रभावित हो सकती है। सर्वे में शामिल सीईओ में से 35 फीसदी ने चालू वित्त वर्ष में राजस्व में कोविड से पहले के वर्ष 2019-20 की तुलना में 10 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी की संभावना जताई है जबकि 33 फीसदी ने तो इसमें 20 फीसदी से भी अधिक की बात कही है। इसमें शामिल 35 प्रतिशत सीईओ ने सकल लाभ के भी चालू वित्त वर्ष में कोरोना से पहले के वित्त वर्ष की तुलना में 20 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है जबकि 17 प्रतिशत ने इसके 10 से 20 फीसदी के बीच रहने की बात कही है। करीब 70 फीसदी सीईओ ने आपूर्ति की बाधाओं के बावजूद विभिन्न पैरा मीटरों को लेकर आशावान दिखे हैं। 

कारोबारी गतिविधियों के बारे में पूछे जाने पर 59 प्रतिशत सीईओ का कहना था कि वर्तमान में उनकी कंपनियां 70 से 100 प्रतिशत के दायरे में अपनी क्षमता का उपयोग कर रही है जबकि 18 फीसदी ने कहा कि उनकी कंपनियां शत प्रतिशत से अधिक क्षमता का उपयोग कर रह है। पूंजी निवेश को लेकर कंपनियां आशावादी दिख रही है क्योंकि इस सर्वे में शामिल 62 प्रतिशत सीईओ ने अगले वित्त वर्ष में 500 करोड़ रुपए तक पूंजीगत व्यय की बात कही है। इसमें शामिल 71 प्रतिशत ने कहा कि पिछले वर्ष में उनकी कंपनियों ने देश विदेश से कहीं से भी पूंजी नहीं जुटाई है जबकि 18 फीसदी ने ऋण लेने और 11 फीसदी ने भारत के साथ ही वैश्विक बाजार से ईक्विटी पूंजी जुटाने की बात कही है। 

निर्यात के बारे में पूछे जाने पर इसमें शामिल सीईओ में से 35 फीसदी ने कहा कि कोरोना से पहले के वर्ष 2019-20 की तुलना में चालू वित्त वर्ष में इसमें 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी की उम्मीद है जबकि 24 प्रतिशत ने इसके लगभग समान रहने की बात कही। हालांकि 10 फीसदी ऐसे भी सीईओ हैं जिन्होंने अपने निर्यात में कोरोना से पहले की तुलना में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद जताई है। इसमें शामिल 36 प्रतिशत का कहना है कि पूर्व और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में उनके निर्यात में तीव्रता बढ़ोतरी हो रही जबकि 22 फीसदी ने कहा कि उनके निर्यात में उत्तर अमेरिका की भागीदारी बढ़ी है। हालांकि 20 प्रतिशत ने कहा कि निर्यात बढ़ाने में यूरोप की महत्ती भागीदारी है। सीआईआई के अध्यक्ष टी वी नरेन्द्रन ने इस रिपोर्ट पर कहा कि लोक कार्यों पर सरकार के अधिक जोर देने के साथ ही समय पर तरलता को बढ़ाने के उपायों के साथ ही उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं ने आर्थिक गतिविधियों को लेकर अधिक आशावादी बना दिया है।  
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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