तेजस एक्सप्रेस के लेट होने पर IRCTC दे रही यात्रियों को मुआवजा, जानिए क्यों

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2019 - 01:57 PM (IST)

नई दिल्लीः लखनऊ-नई दिल्‍ली रूट पर चलने वाली भारत की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्‍सप्रेस यदि लेट होती है तो ट्रेन के यात्रियों को इसका मुआवजा दिया जाएगा। 4 अक्टूबर को इस ट्रेन को लखनऊ से दिल्ली के लिए रवाना किया गया था। आईआरसीटीसी ने बताया कि तेजस के एक घंटा लेट होने पर यात्रियों को 100 रुपए, जबकि 2 घंटे से ज्यादा की देरी पर 250 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
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IRCTC चलाएगी तेजस एक्सप्रेस
तेजस एक्सप्रेस देश की पहली निजी ट्रेन है जिसे IRCTC चलाएगी। इंडियन रेलवे केटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) चाहती थी कि इस ट्रेन की सर्विस क्वॉलिटी और इसके बारे में लोगों का एक्सपीरियंस दूसरी ट्रेनों से अलग हो। तेजस में कुल 758 सीटें हैं, जिनमें 56 सीटें एग्जिक्यूटिव क्लास की और बाकी सीटें एसी चेयर क्लास की हैं। इस ट्रेन के यात्रियों का अनिवार्य रूप से 25 लाख रुपए का ट्रैवल इंश्योरेंस कराया जाएगा। इसमें यात्रा के दौरान सामान खोने या चोरी होने पर 1 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस भी शामिल है। साथ ही, इसमें फ्लाइट की तरह फीमेल अटेंडेंट भी होंगी, जो यात्रियों को उनकी सीट पर ही जाकर चाय/कॉफी, खाना और दूसरी चीजें देंगी।
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विदेश में है ऐसा सिस्टम
ट्रेन लेट होने पर यात्रियों का मुआवजे देने का कॉन्सेप्ट दुनिया के कई देशों में है। जापान में ट्रेन लेट पर होने पर रेलवे कंपनी यात्रियों को एक सर्टिफिकेट जारी करती है, जिसे वे अपने ऑफिस, स्कूल, यूनिवर्सिटी एग्जाम में देरी से पहुंचने के कारण के रूप में पेश कर सकते हैं। यह सर्टिफिकेट ट्रेन के 5 मिनट के देरी से आने पर भी जारी किया जाता है। पैरिस में भी सर्टिफिकेट जारी करने का ऐसा ही सिस्टम है। वहीं ब्रिटेन में ट्रेन के देरी से पहुंचने या कैंसल होने पर सभी यात्रियों को मुआवजा दिया जाता है। नॉर्वे और फिनलैंड में ट्रेन के आधे घंटे से ज्यादा देर होने पर यात्रियों को किराए का 50 फीसदी मुआवजे के रूप में लौटाया जाता है।
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Supreet Kaur

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