टाटा स्टील ने इस्पात विनिर्माण के लिए रूस के कोकिंग कोयले का परीक्षण शुरू किया

punjabkesari.in Sunday, Nov 22, 2020 - 02:15 PM (IST)

नई दिल्लीः टाटा स्टील ने ब्लास्ट फर्नेस मार्ग से इस्पात विनिर्माण को रूस से कोकिंग कोयले के नमूनों का परीक्षण शुरू कर दिया है। कंपनी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) टी वी नरेंद्रन ने यह जानकारी दी। यह घटनाक्रम घरेलू इस्पात उद्योग की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है। यदि परीक्षण के नतीजे अच्छे रहते हैं, तो इससे भारत को कोकिंग कोयले की आपूर्ति में ऑस्ट्रेलिया का एकाधिकार समाप्त हो सकता है। 

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत सालाना 72,000 करोड़ रुपए के 5.6 करोड़ टन कोकिंग कोयले का आयात करता है। इसमें से 4.5 करोड़ टन का आयात अकेले प्रायद्वीपीय देशों से किया जाता है। भारत की कोकिंग कोयले के आयात को लेकर चुनिंदा देशों पर निर्भरता कम करने के इस्पात मंत्रालय के प्रयासों में कंपनी के योगदान पर नरेंद्रन ने कहा, ‘‘हमने रूस से कुछ कोकिंग कोयले का आयात किया है। रूस का पूर्वी तट इसका अच्छा स्रोत है।'' इससे पहले मंत्रालय ने इस्पात विनिर्माताओं से रूस से कोकिंग कोयला मंगाकर उसका अपने संयंत्रों में कच्चे माल के रूप में परीक्षण करने और उसके नतीजों की जानकारी देने को कहा था। 

लौह अयस्क के अलावा कोकिंग कोयला ब्लास्ट फर्नेस मार्ग से इस्पात विनिर्माण में काम आने वाला कच्चा माल है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सरकार की रूस को कोकिंग कोयले के स्रोत रूप में देखने की पहल का समर्थन करते हैं। यह एक अच्छा विकल्प है। अन्यथा हम आस्ट्रेलिया पर अत्यधिक निर्भर रहेंगे।'' उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में कई बार चक्रवात तथा मौसम के मुद्दे रहते हैं। ‘‘कई कारणों से एक से अधिक विकल्प होना हमारे लिए अच्छा है।'' 

टाटा स्टील अपने जमशेदपुर, झारखंड के 1.1 करोड़ टन सालाना तथा ओड़िशा के कलिंगनगर के 30 लाख टन सालाना के संयंत्र में ब्लास्ट फर्नेस के जरिये इस्पात का विनिर्माण करती है। परीक्षण के बारे में संपर्क किए जाने पर टाटा स्टील के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अभी इसके संबंध में कोई सूचना उपलब्ध नहीं है।'' 


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jyoti choudhary

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