देश की आर्थिक स्थिति पर बोले सुब्रमण्यन, अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए सरकार ने उठाए कई कदम

punjabkesari.in Friday, Dec 13, 2019 - 04:33 PM (IST)

नई दिल्लीः आर्थिक सुस्‍ती के बीच वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण एक बार फिर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर रही हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण से पहले देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार के.सुब्रमण्यन ने अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए और भारत पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी दी।
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5 ट्रिलियन डॉलर की ओर बढ़ रही इकोनॉमी
बीते जुलाई महीने में आम बजट पेश होने के बाद सरकार के फैसलों का जिक्र करते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बताया कि सरकार 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी की ओर आगे बढ़ रही है। हमारे पास एक सुनियोजित रणनीति है। हमने सार्वजनिक उपक्रमों सहित सरकार के बकाए को मंजूरी दे दी है। हमने MSMEs का समर्थन किया है। प्रेस कांफ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मुख्य आर्थिक सलाहकार के. सुब्रमण्यन मौजूद हैं।
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100 करोड़ से ज्यादा टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए ई-इनवॉयस
रेवेन्यू सेक्रेटरी अजय भूषण पांड ने कहा कि 1 अप्रैल 2020 से 100 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को बी2बी ट्रांजेक्शन के लिए ई-इनवॉयस जेनरेट करना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि 1 जनवरी 2020 से 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के टर्नओवर वाले कारोबारियों को बी2बी ट्रांजेक्शन के लिए ई-इनवॉयस जेनरेट करना वैकल्पिक होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में ई-इनवॉयस के लिए ई-वे बिल की आवश्यकता नहीं होगी।

सरकार ने उठाए ये कदम

  • अधूरे पड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए के रियल्टी फंड को मंजूरी दी।
  • इस फंड में 10,530 करोड़ रुपए केंद्र सरकार देगी जबकि अन्य राशि की इंतजाम 13 घरेलू वित्तीय संस्थानों जैसे एचडीएफसी बैंक, एसबीआई, एलआईसी से किया जाएगा।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से 60,314 करोड़ रुपए के क्रेडिट एक्सपेंशन को मंजूरी दी गई। 4.9 लाख करोड़ रुपए की इक्विटी इनफ्यूज्ड की गई। इसमें 2.2 लाख करोड़ रुपए कॉरपोरेट, 72,985 करोड़ रुपए एमएसएमई और 39,453 करोड़ रुपए रिटेल ग्राहकों में कर्ज के रूप में दिए गए।
  • बैंकों में ईमानदारी से फैसले लेने के लिए नया सिस्टम बनाया गया।
  • पहले दो महीने में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने 61 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के बकाए का भुगतान किया। इसका मकसद अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाना रहा।
  • बीते दो दिनों में 7657 करोड़ की क्रेडिट गारंटी के 17 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसके अलावा अने वाले दो सप्ताह में 20 हजार करोड़ की क्रेडिट गारंटी के प्रस्तावों को मंजूरी देने की योजना है।
  • नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज (एनबीएफसी) को कुल 4.47 लाख करोड़ रुपए के कर्ज देने के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें से 1.29 लाख करोड़ रुपए का पूल संपत्ति खरीदने के लिए दिया गया।
  • आरबीआई ने सभी सरकारी बैंकों को लैंडिंग रेट को रेपो रेट से जोड़ने का आदेश दिया है।
  • रेपो रेट से लिंक्ड 72,201 करोड़ रुपए के 8.18 लाख लोन का वितरण 27 नवंबर 2019 तक किा जा चुका है।
  • 15 नवंबर 2019 तक एमएसएमई के 5.06 लाख बिल डिस्काउंटिंग को मंजूरी दी जा चुकी है। इससे एमएसएमई को 12,698 करोड़ रुपए का फायदा हुआ है।
  • वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 16,716 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।

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