स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने बताया, साल 2020 में पाकिस्तान ने देखी दुनिया में सबसे अधिक महंगाई

punjabkesari.in Monday, Jun 08, 2020 - 03:57 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः पाकिस्तान के निवासियों के लिए वित्त वर्ष 2020 सबसे खराब साल था। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान उन्होंने दुनिया में सबसे ज्यादा मुद्रास्फीति देखी, जिसने नीति निर्माताओं को ब्याज दर बढ़ाने के लिए मजबूर किया। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) द्वारा जारी अप्रैल के इंफ्लेशन मॉनिटर में कहा गया, 'पाकिस्तान ने न केवल विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में, बल्कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भी उच्चतम मुद्रास्फीति देखी।'

पाकिस्तान की अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, मुद्रास्फीति के दबाव को कम करने के लिए एसबीपी ने वित्तीय वर्ष के दौरान ब्याज दरों को बढ़ा दिया लेकिन यह भी काम नहीं आया और बढ़ी हुई दरों ने मुद्रास्फीति को और बढ़ा दिया। निजी क्षेत्र ने उधार लेना बंद कर दिया, जिससे औद्योगिक विकास और सेवाएं बाधित हो गईं।

जनवरी में 12 साल में सर्वाधिक महंगाई दर
जनवरी में पिछले 12 सालों के मुकाबले महंगाई दर सबसे ज्यादा, 14.6 फीसदी रही। बढ़ती कीमतों के मद्देनजर एसबीपी ने ब्याज दरों को बढ़ाकर 13.25 फीसदी कर दिया। हालांकि, कोरोना वायरस से पूरा आर्थिक परिदृश्य उलट गया क्योंकि मांग में आई कमी से मुद्रास्फीति कम हुई, जिसके बाद एसबीपी ब्याज दरों में कटौती करने के लिए मजबूर हो गया। केवल तीन महीनों के भीतर यह 5.25 फीसदी हो गई।

ब्याज दर में कटौती का ऐलान 
मुद्रास्फीति की दर धीमी होने के बाद ब्याज दर में कटौती का ऐलान हुआ। मई में यह 8.2 फीसदी हो गई, जो एसबीपी के अनुमानों की तुलना में बेहद कम है। पाकिस्तान की मुद्रास्फीति में चीन, थाइलैंड, भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में महामारी के बाद से गिरावट आई है।

सरकार ने दो महीने के दौरान पेट्रोलियम की कीमतों में तीन बार गिरावट की है, जिससे उत्पादन का खर्च और परिवहन की लागत काफी कम हुई और अंत में मुद्रास्फीति को कम कर दिया।


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jyoti choudhary

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