वृद्धि सिर्फ आर्थिक नीतियों पर नहीं, सामाजिक व्यवस्था- राजनीतिक संस्कृति पर निर्भर करती है: बसु

punjabkesari.in Tuesday, Jul 28, 2020 - 12:05 PM (IST)

नई दिल्ली: देश की आर्थिक प्रगति सिर्फ आर्थिक नीतियों पर नहीं बल्कि उसकी सामाजिक व्यवस्था, राजनीति संस्कृति, और संस्थानों पर निर्भर करती है और वर्ष 2016 के बाद से इन सभी में लगातार गिरावट हो रही है। यह बात विश्वबैंक के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कही।

भारत नाम का जो स्वप्न है, वो खत्म हो जाएगा
बसु ने जोर देकर कहा कि यदि इन सभी चीजों में सुधार नहीं होता है तो भारत नाम का जो स्वप्न है, वो खत्म हो जाएगा। मानव विकास संस्थान के एक वेबिनार (इंटरनेट के माध्यम से होने वाला सेमिनार) में बसु ने कहा कि सामाजिक ताने-बाने का टूटना भारत को प्रभावित करने की शुरुआत है। बसु कॉरनेल विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं। वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार थे।

भारत 43वीं तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था
उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट कोविड-19 के संकट से दो साल पहले ही शुरू हो गयी थी। अर्थव्यवस्था केवल आर्थिक नीतियों पर निर्भर नहीं करती है। बसु ने कहा कि अर्थव्यवस्था सामाजिक ताने-बाने, राजनीतिक संस्कृति, संस्थाओं और नैतिक मूल्यों पर निर्भर करती है। इन सभी में 2016 के बाद से भारत में गिरावट देखने को मिल रही है। बसु ने कहा कि 2016 में भारत तीव्र आर्थिक वृद्धि वाले तीन देशों में शामिल था। भारत को पूर्वी एशियाई अर्थव्यवस्थाओं की तरह देखा जाने लगा था। लेकिन अब भारत दुनिया में 43वीं तीव्र वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था बन गया है।

 

 


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Author

rajesh kumar

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