क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सीतारमण ने दी चेतावनी, कहा- ‘लिब्रा’ को लेकर सतर्क रहे देश

punjabkesari.in Sunday, Oct 20, 2019 - 12:55 PM (IST)

नई दिल्लीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चेतावनी दी है। सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्वबैंक की वार्षिक बैठक में फेसबुक की प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी ‘लिब्रा’ को लेकर चली चर्चा के बीच यह टिप्पणी की। उनसे पहले रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी राय रखी।

शक्तिकांत दास ने भी दी चेतावनी
सीतारमण ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘हमारी ओर से रिजर्व बैंक के गवर्नर इस बारे में बोल चुके हैं। मुझे ऐसा महसूस हुआ कि कई सारे देश क्रिप्टोकरेंसी अपनाने को लेकर सतर्क हैं।’’ सीतारमण ने कहा कि उनमें से कुछ देशों ने कहा कि हममें से किसी को क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिये। कुछ देशों ने तो यहां तक कहा कि इसे स्थिर मुद्रा भी नहीं कहा जाना चाहिए।

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क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दी चेतावनी
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विभिन्न लोगों ने तीन या चार अलग अलग नामों का सुझाव दिया, लेकिन कुल मिलाकर यही रहा कि इसबारे में कुछ कहे जाने या किये जाने से पहले सभी देश बेहद सतर्कता बरत रहे हैं। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि डिजिटल मुद्रा के फायदे और इसके जोखिमों के बारे में चर्चा की जा रही है।

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आर्थिक नरमी को लेकर भी दी सलाह
उन्होंने कहा, ‘‘हमें इस चीज का इंतजार नहीं करना चाहिए कि आर्थिक नरमी गंभीर बन जाए।’’ उन्होंने आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक की विकास समिति की दोपहर के भोज के समय हुई चर्चा में भी हिस्सा लिया।"

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चीन से निकलने वाली कंपनियों को भारत में आमंत्रित करेंगे 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वह ऐसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए खाका तैयार करेंगी जो चीन से आगे भारत को निवेश गंतव्य के रूप में देख रही हैं। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के ऐसे दिग्गज जो अपने कारोबार को चीन से बाहर ले जाना चाहते हैं, वे निश्चित रूप से भारत की ओर देख रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा, भारत के लिए जरूरी हो जाता है कि वह इन कंपनियों से मिले और उन्हें अपने यहां आमंत्रित करे। सीतारमण ने कहा, ‘‘निश्चित रूप में मैं ऐसा करूंगी। मैं ऐसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की पहचान करूंगी, सभी अमेरिकी कंपनियों या किसी अन्य यूरोपीय देश की कंपनी या ब्रिटिश कंपनी जो चीन से निकलना चाहती है, मैं उनसे संपर्क करूंगी और भारत को निवेश के तरजीही गंतव्य के रूप में पेश करूंगी।'' 

IMF में कोटा बढ़ाने को लेकर पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाना निराशाजनक
भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की कोटा संरचना को बढ़ाने में समर्थन की कमी को लेकर शनिवार को निराशा जाहिर की। आईएमएफ कोटा उसके कोष का मुख्य स्रोत है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएमएफ की सालाना बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘भारत कोटा की 15वीं आम समीक्षा के तहत कोटा बढ़ाने के मसले पर पर्याप्त समर्थन नहीं मिल पाने को निराशाजनक मानता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हम इसे तात्कालिक झटका मानते हैं। हमें उम्मीद है कि समीक्षा के अगले दौर की चर्चा में कोटा बढ़ाने के संबंध में सफलता मिल जाएगी।'' कोटा का वितरण एक चार सूत्रीय विधि से किया जाता है। इसमें सदस्य देश की जीडीपी, आर्थिक खुलापन, आर्थिक विविधता और अंतरराष्ट्रीय भंडार पर गौर किया जाता है। उल्लेखनीय है कि आईएमएफ में भारत का कोटा 2.76 प्रतिशत और चीन का कोटा 6.41 प्रतिशत है। अमेरिका का कोटा सर्वाधिक 17.46 प्रतिशत है जिसे कारण उसके पास मताधिकार की 16.52 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
 


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jyoti choudhary

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