सिंगापुर के फाइनेंशियल रेगुलेटर ने Three Arrows Capital पर लगाया गड़बड़ी का आरोप

punjabkesari.in Saturday, Jul 02, 2022 - 06:21 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ सप्ताह से हो रही बिकवाली से क्रिप्टो हेज फंड Three Arrows Capital को बड़ा नुकसान हुआ है और इसका लिक्विडेशन किया जा रहा है। वित्तीय मुश्किलों का सामना कर रहे Three Arrows Capital पर सिंगापुर के फाइनेंशियल रेगुलेटर ने एसेट्स की लिमिट पार करने और गलत जानकारी देने का आरोप लगाया है।

Reuters की रिपोर्ट में मॉनेटरी अथॉरिटी ऑफ सिंगापुर (MAS) के हवाले से बताया गया है कि Three Arrows Capital ने पिछले वर्ष ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में शिफ्ट होने को लेकर गलत इनफॉर्मेशन दी थी। इसके लिए MAS ने फर्म को कड़ी फटकार लगाई है। हालांकि, इस पर लगाई गई किसी पेनल्टी के बारे में पता नहीं चला है। इस बारे में भेजे गए प्रश्नों का फर्म की ओर से कोई उत्तर नहीं मिला है। MAS ने बताया कि फर्म ने डायरेक्टर्स और उनकी शेयरहोल्डिंग में बदलावों को लेकर सूचना देने में देरी की है। इसके अलावा पिछले दो वर्षों में इसने एसेट्स अंडर मैनेजमेंट की अपनी लिमिट को भी पार किया था।

क्रिप्टो ब्रोकरेज फर्म Voyager Digital ने लगभग 15,250 बिटकॉइन और लगभग 35 करोड़ डॉलर के स्टेबलकॉइन USDC के लोन की पेमेंट करने में नाकाम रहने के कारण इस सप्ताह की शुरुआत में Three Arrows Capital को डिफॉल्ट नोटिस दिया था। ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स के एक कोर्ट ने Three Arrows Capital के लिक्विडेशन का ऑर्डर दिया है। कंसल्टेंसी फर्म Teneo को लिक्विडेटर नियुक्त किया गया है। मार्केट कैपिटलाइजेशन के लिहाज से सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन की वैल्यू जून में लगभग 37 प्रतिशत घटी है। बिटकॉइन का प्राइस बुधवार को लगभग 20,000 डॉलर पर था। पिछले वर्ष नवंबर में इसने लगभग 69,000 डॉलर के साथ अभी तक का हाई लेवल छुआ था।

Three Arrows Capital के लिक्विडेशन की रिपोर्ट बुधवार को आई थी। हाल ही में फर्म के को-फाउंडर ने लिक्विडेशन की अटकलों को लेकर एक ट्वीट में कहा था कि फर्म इसका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है। क्रिप्टो मार्केट में मंदी के कारण इस सेगमेंट की बहुत सी फर्में कॉस्ट घटाने के लिए अपनी वर्कफोर्स में कटौती कर रही हैं। बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक Coinbase ने भी हाल ही में अपनी वर्कफोर्स को 18 प्रतिशत घटाने का फैसला किया था। अमेरिका में हेडक्वार्टर रखने वाली इस फर्म का कहना है कि इंडस्ट्री के इस मुश्किल दौर में उसने कॉस्ट में कमी करने के लिए यह कदम उठाया है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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