वोडाफोन आइडिया को झटका, SC ने AGR कैल्कुलेशन में सुधार की याचिका खारिज की

punjabkesari.in Friday, Jul 23, 2021 - 01:03 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) कैल्कुलेशन में सुधार को लेकर टेलिकॉम कंपनियों की याचिका को खारिज कर दिया है। इससे भारी कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया को गहरा झटका लगा है। कंपनी ने कहा था कि अगर एजीआर बकाए में कैल्कुलेशन की गड़बड़ी को सही नहीं किया गया तो उसके लिए मुश्किल पैदा हो जाएगी। कंपनी पर 1.8 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है जबकि कैश बैलेंस मात्र 350 करोड़ रुपए है।

वोडाफोन आइडिया ने चौथी तिमाही के रिजल्ट की घोषणा के दौरान कहा था कि उसे सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की उम्मीद है। इससे उसका एजीआर बकाया करीब आधा रह जाएगा। कंपनी के खुद के एसेसमेंट के मुताबिक उस पर 21,533 करोड़ रुपए का एजीआर बकाया है। इसी तरह एयरटेल के मुताबिक उस पर 13,003 करोड़ और टीटीसीएल पर 2,197 करोड़ रुपए बकाया है लेकिन डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन (DoT) के मुताबिक इन कंपनियों पर कहीं ज्यादा बकाया है।

किस पर कितना बकाया
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इन कंपनियों के सेल्फ एसेसमेंट को खारिज कर दिया था और डिपार्टमेंट के कैल्कुलेशन को फाइनल माना था। इसके मुताबिक वोडाफोन आइडिया को 58,400 करोड़, एयरटेल को 43,980 करोड़ और टाटा टेलीसर्विसेज को 16798 करोड़ रुपए का एजीआर बकाए का भुगतान करना है। यह बकाया सरकारी कैल्कुलेशन पर आधारित है। इसमें से वोडाफोन आइडिया 7854 करोड़ रुपए, एयरटेल 18,003 करोड़ रुपए और टाटा टेली 4,197 करोड़ रुपए का भुगतान कर चुकी है। इन कंपनियों को बाकी राशि 31 मार्च, 2031 तक 10 किस्तों में चुकानी है।

क्या होता है AGR?
एडजस्टेड ग्रोस रेवेन्यू (एजीआर) दूरसंचार विभाग (DoT) की ओर से टेलीकॉम कंपनियों से लिया जाने वाला लाइसेंसिंग और यूजेज फीस है। इसके अलावा इसमें स्पेक्ट्रम यूजेज चार्ज (3 से 5 फीसदी के बीच) और लाइसेंसिंग फीस भी शामिल है, जोकि कुल लाभ का 8 फीसदी हिस्सा होता है, भी एजीआर का हिस्सा माना जाता है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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