शेयर बाजार में तेजी ने बिगाड़ा बैंकों का बिजनैस

punjabkesari.in Tuesday, Jan 09, 2018 - 09:58 AM (IST)

नई दिल्लीः शेयर बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई ने कार्पोरेट्स के पैसे जुटाने के तरीकों को ही उलट दिया है। यानी कि बाजार की तेजी ने बैंकों का बिजनैस बिगाड़ दिया है। कार्पोरेट्स अब बैंक की जगह दूसरे ओपेन मार्कीट सोर्स से पूंजी जुटाने पर ध्यान दे रहे हैं। इस बात का खुलासा आर.बी.आई. की एक रिपोर्ट में हुआ है।

म्यूचुअल फंड से ज्यादा पैसे जुटा रही हैं कंपनियां
रिपोर्ट के अनुसार म्यूचुअल फंड कार्पोरेट की पहली पसंद इस समय है जिनके जरिए वह काफी पूंजी जुटा रहे हैं। कार्पोरेट्स ने वर्ष 2017 में करीब 14,500 अरब रुपए नॉन-बैंकिंग सोर्स से जुटाए हैं जो उनके द्वारा जुटाई गई कुल पूंजी का 61.6 प्रतिशत है। कार्पोरेट ने इसी के तहत डेट म्यूचुअल फंड का पूंजी जुटाने में प्रमुख रूप से प्रयोग किया है। जिसकी म्यूचुअल फंड के टोटल एसैट अंडर मैनेजमैंट (ए.यू.एम.) में 40 प्रतिशत तक हिस्सेदारी पहुंच गई है।

म्यूचुअल फंड पर भरोसा
रिपोर्ट के अनुसार कार्पोरेट्स ने शेयर बाजार की तेजी का फायदा उठाते हुए म्यूचुअल फंड पर ज्यादा दांव लगाया है। अप्रैल 2015 से सितम्बर 2017 तक के आंकड़ों के अनुसार डेट म्यूचुअल फंड में कार्पोरेट डेट की हिस्सेदारी बड़ी तेजी से बढ़ी है।अप्रैल 2015 में जहां टोटल एसैट अंडर मैनेजमैंट (ए.यू.एम.) में कार्पोरेट डेट की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत के करीब थी, अब सितम्बर 2017 तक बढ़कर 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

क्या कहते हैं आंकड़े
आर.बी.आई. द्वारा कार्पोरेट द्वारा कर्ज लेने के पैटर्न पर तैयार की गई रिपोर्ट के अनुसार पिछले 6 साल के आंकड़ों को देखा जाए तो ज्यादातर समय कार्पोरेट बैंकों से ज्यादा कर्ज लेते रहे हैं। पिछले 6 साल में कार्पोरेट द्वारा लिए गए कर्ज में बैंकों की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत के करीब रही है जो अब 40 प्रतिशत से भी नीचे आ गई है। वर्ष 2017 में यह बैंकों की हिस्सेदारी गिरकर 38.4 प्रतिशत रह गई है।

बैंकिंग सिस्टम के लिए रिस्क
रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों की घटती क्रैडिट ग्रोथ आने वाले दिनों में एक नया चैलेंज खड़ा कर सकती है। अगर बैंक म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री से मुकाबला करेंगे तो उन्हें अपने क्रैडिट पैटर्न और उसके तरीकों में बदलाव करना होगा। ऐसे में जरूरत है कि फाइनैंशियल सिस्टम में ऐसे स्ट्रक्चल रिफॉर्म किए जाएं जिससे बैंकिंग सिस्टम के साथ-साथ कार्पोरेट बांड सिस्टम डिवैल्प हो सके।


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