संकट में डूबे Yes Bank को SBI का सहारा! जल्द हो सकता है बड़ा ऐलान

punjabkesari.in Thursday, Mar 05, 2020 - 05:53 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य वित्तीय संस्थानों को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक के अधिग्रहण की मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने वीरवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि इसकी घोषणा जल्द की जाएगी। दरअसल निजी क्षेत्र का येस बैंक डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है। बैंक नयी पूंजी जुटाना चाहता है, लेकिन उसकी इस योजना में दिक्कतें आ रही हैं। मौजूदा संकट के वजह से बैंक ने दिसंबर, 2019 की तिमाही नतीजों की घोषणा टाल दिया है। गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की वजह से बैंक का सुरक्षित पूंजी आधार कम हो गया है। 

 

सूत्रों ने बताया कि सरकार ने एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ की येस बैंक में नियंत्रक हिस्सेदारी लेने की योजना को मंजूरी दे दी है। इन खबरों पर शेयर बाजारों को भेजे स्पष्टीकरण में एसबीआई ने कहा कि वह सेबी नियमनों के तहत इस बारे में घटनाक्रमों का खुलासा करेगा। बैंक ने कहा कि हम सेबी (एलओडीआर) नियमन, 2015 के नियमन 30 के तहत शेयर बाजारों को किसी घटनाक्रम का खुलासा करने की समयसीमा का पालन करेंगे। वहीं येस बैंक ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि वह यह स्पष्ट करना चाहता है कि आज की तारीख तक बैंक को रिजर्व बैंक या अन्य कोई सरकारी या नियामकीय प्राधिकरण या एसबीआई से इस बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। येस बैंक ने कहा कि हम इस तरह के फैसले की कोई जानकारी नहीं है। ऐसे में हम इस तरह की खबरों पर टिप्पणी नहीं कर सकते।  शेयर बाजारों ने इन खबरों पर उससे स्पष्टीकरण मांगा था। 

 

येस बैंक ने कहा कि वह अपने कारोबार की सामान्य प्रक्रिया के तहत वह प्रतिभूतियां जारी कर पूंजी या कोष जुटाने के विभिन्न विकल्पों की तलाश करता रहेगा। बैंक ने यह भी कहा है कि वह सेबी नियमनों के तहत शेयर बाजारों को अनिवार्य खुलासे करता रहेगा। येस बैंक अगस्त, 2018 से संकट में है। उस समय रिजर्व बैंक ने बैंक के तत्कालीन प्रमुख राणा कपूर से कामकाज के संचालन और ऋण से जुड़ी खामियों की वजह से 31 जनवरी, 2019 तक पद छोड़ने को कहा था। उनके उत्तराधिकारी रवनीत गिल के तहत बैंक ने दबाव वाली ऐसी संपत्तियों का खुलासा किया है जिनकी जानकारी नहीं दी गई थी। बैंक को मार्च, 2019 की तिमाही में पहली बार घाटा हुआ था।

 

येस बैंक ने शुरुआत में दो अरब डॉलर की पूंजी जुटाने की योजना बनाई थी। बाद में बैंक के निदेशक मंडल ने कनाडा के निवेशक एसपीजीपी ग्रुप-इर्विन सिंह ब्रायच के 1.2 अरब डॉलर के निवेश के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। मुंबई मुख्यालय वाले येस बैंक की स्थापना 2004 में हुई थी। जून, 2019 के अंत तक बैंक की पूंजी का आकार 3,71,160 करोड़ रुपये था। शेयर बाजारों के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार येस बैंक के प्रवर्तकों...मधु कपूर, येस कैपिटल (इंडिया) प्राइवेट लि. और मैग्स फिनवेस्ट की संकट में फंसे बैंक में 8.33 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। येस बैंक के सह संस्थापक बैंक में अपनी समूची हिस्सेदारी बेच चुके हैं। इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बैंक में 15.17 प्रतिशत, सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी की 8.06 प्रतिशत और म्यूचुअल फंडों की 5.09 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। 
 


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vasudha

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