2019 के मुकाबले मुम्बई में रियल्टी का भाव 20% तक लुढ़का

punjabkesari.in Wednesday, Jul 08, 2020 - 12:10 PM (IST)

मुम्बईः देश की वित्तीय राजधानी कहलाने वाली मुम्बई का रियल्टी बाजार कोरोना वायरस की चपेट में आ गया है। कोविड-19 महामारी के कारण आई आर्थिक सुस्ती ने शहर के ज्यादातर इलाकों में जायदाद की कीमतें गिरा दी हैं। यहां दादर इलाके की रहने वाली रियल एस्टेट ब्रोकर सुधा कुमारी बताती हैं कि डिवैलपर इस वक्त 40,000 रुपए प्रति वर्ग फुट पर भी मकान बेचने को तैयार हैं, जबकि पिछले साल इसी समय 50,000 रुपए वर्ग फुट से एक पाई भी कम करने को वे तैयार नहीं थे। इस तरह 2019 के मुकाबले रियल्टी के भाव 20 प्रतिशत तक लुढ़क गए हैं।

सुधा बताती हैं कि डिवैलपर परियोजनाओं के वास्ते लिए गए कर्ज के बोझ से परेशान हैं और मांग में सुस्ती देखकर वे कम कीमतों पर भी मकान-दुकान बेचने को तैयार हो गए हैं। मुश्किल यह है कि दाम इतने गिराने के बाद भी खरीदार उन्हें पूछ नहीं रहे हैं। दादर के ही रियल एस्टेट निवेशक सुनील सोलंकी ने कहा कि जब तक कीमतें 30 प्रतिशत नीचे नहीं आतीं, वह डिवैलपरों के पास फटकेंगे भी नहीं। उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट संपत्ति खरीदने के लिहाज से यह अच्छा वक्त है मगर मुझे नहीं लगता कि कीमतों में गिरावट थमेगी। अभी दाम और कम होंगे।

कोविड-19 महामारी और लॉकडाऊन के कारण पिछले 3 महीने से रियल्टी बिक्री ठप्प ही पड़ी है, इसीलिए मुम्बई के मुख्य आवासीय बाजारों में संपत्तियां कम कीमत पर बिक रही हैं। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टैंट्स के मुताबिक इस साल की पहली छमाही में मुम्बई महानगर क्षेत्र में बिक्री 61 प्रतिशत घट गई है। पिछली छमाही के मुकाबले इसमें 51 प्रतिशत गिरावट है। इस इलाके में 2,09,560 तैयार इकाइयां ग्राहकों की बाट जोह रही हैं। इतनी अनबिकी रियल एस्टेट देश में कहीं और नहीं है।

ग्राहक के इशारे पर चल रहा बाजार
मुम्बई के पश्चिमी उपनगर में प्रमुख कंसल्टैंट राजेश मेहता ने कहा कि इस समय बाजार ग्राहक के इशारे पर चल रहा है। डिवैलपर कुछ भी करने को तैयार हैं। सब कुछ ठप्प पड़ा है। बिक्री नहीं हो रही, सौदे नहीं हो रहे और रजिस्ट्री भी नहीं हो रहीं। हालत बिगड़ती जा रही है। किसी को नहीं पता कि हो क्या रहा है। बहरहाल देश भर में पैठ वाले बड़े रियल्टर कीमत कम होने की बात नहीं मानते। टाटा रियल्टी एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्य अधिकारी संजय दत्त ने कहा कि जिस दिन रियल एस्टेट की कीमतें 20 प्रतिशत नीचे आएं, समझ लीजिए कि ग्राहक उन्हें खरीद ही नहीं पाएंगे। उसका मतलब होगा कि जी.डी.पी. कम है, रोजगार में बड़ी असुरक्षा है और महंगाई है और ब्याज दरें कम हैं।

10 साल में रियल्टी में इतनी बड़ी गिरावट शायद नहीं आई
एक स्थानीय ब्रोकर ने बताया कि दक्षिण मुंबई में रियल्टी का भाव पिछले साल 1 लाख रुपए वर्ग फुट तक पहुंच गया था मगर इस साल उसमें 20-25 प्रतिशत गिरावट हो चुकी है। पिछले करीब 10 साल में रियल्टी में इतनी बड़ी गिरावट शायद नहीं आई। ब्रोकर बताते हैं कि मध्य मुम्बई में डिवैलपर कर्ज से दबे पड़े हैं और ठाणे जैसे इलाकों में जरूरत से ज्यादा मकान होने की वजह से कीमतें घटाने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा है।

रियल एस्टेट पर नजर रखने वाली फर्म सी.आर.ई. मैट्रिक्स के इस वक्त देसी रियल एस्टेट पर 8.1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज चल रहा है और पिछले वित्त वर्ष में ही 1.2 लाख करोड़ रुपए के कर्ज मंजूर किए गए हैं। इस कर्ज में से 42 प्रतिशत मुम्बई महानगर क्षेत्र में ही लिया गया है।


 


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jyoti choudhary

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