सीआरआर, एसएलआर पर रियायत देने से रिजर्व बैंक का इनकारः एचडीएफसी बैंक

punjabkesari.in Friday, Apr 21, 2023 - 06:03 PM (IST)

मुंबईः निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक को रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय की स्थिति में उसे नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) और वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) की जरूरी शर्तों में किसी भी तरह की ढील देने से मना कर दिया है। देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक ने शुक्रवार को शेयर बाजारों को रिजर्व बैंक के इस निर्णय की जानकारी दी। इसके मुताबिक, रिजर्व बैंक ने बैंक को विलय की स्थिति में सीआरआर और एसएलआर से संबंधित नियामकीय मानकों का पालन करने को कहा है। 

हालांकि केंद्रीय बैंक ने वरीयता वाले क्षेत्रों को कर्ज देने से जुड़े प्रावधानों में थोड़ी रियायत देने की बात कही है। एचडीएफसी बैंक का आवासीय ऋणदाता एचडीएफसी लिमिटेड के साथ विलय की घोषणा गत वर्ष अप्रैल में की गई थी। करीब 40 अरब डॉलर के इस विलय को भारतीय कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा बताया जा रहा है। हालांकि इस प्रस्तावित विलय को अभी नियामकीय मंजूरियां मिलनी बाकी हैं। इसी क्रम में बैंक ने रिजर्व बैंक से सीआरआर और एसएलआर पर कुछ रियायतें देने का अनुरोध किया था। एचडीएफसी बैंक ने अपने पत्र में कहा है कि उसे कुछ बिंदुओं पर रिजर्व बैंक के विचार मिल गए हैं जबकि अभी कुछ बिंदुओं पर स्पष्टता आने का इंतजार है। 

बैंक ने कहा, "एचडीएफसी बैंक सीआरआर, एसएलआर और नकदी कवरेज अनुपात (एलसीआर) से जुड़ी नियामकीय शर्तों का विलय की प्रभावी तिथि से ही पालन करना जारी रखेगा।" सीआरआर बैंकों की जमाओं का वह प्रतिशत होता है जिसे बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है और उन्हें उस पर कोई ब्याज नहीं मिलता है। वहीं एसएलआर जमाओं का वह हिस्सा होता है जिसे अनिवार्य रूप से सरकारी प्रतिभूतियों में लगाना होता है। एचडीएफसी बैंक के मुताबिक, आरबीआई ने एचडीएफसी की अनुषंगियों एवं सहायक कंपनियों के निवेशों को विलय के बाद एचडीएफसी बैंक के निवेश के तौर पर मान्यता देने पर भी सहमति जताई है। एचडीएफसी बैंक ने पिछले हफ्ते विश्लेषकों के साथ चर्चा के दौरान उम्मीद जताई थी कि विलय की प्रक्रिया पर उसे जुलाई तक नियामकीय मंजूरियां मिल जाएंगी।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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